आधी आबादी के स्वावलंबन की मिशाल बनी बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी



बुन्देलखण्ड में संचालित बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी में 13 हजार से अधिक महिलाएं बनीं लखपति दीदी 


प्रतिदिन 2.40 लाख लीटर दूध का किया जा रहा संग्रह 



लखनऊ:06 जनवरी 2025



उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में उत्तर प्रदेश राज्य आजीविका मिशन, ग्राम्य विकास विभाग द्वारा प्रदेश में दीनदयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के अंतर्गत आर्थिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़ी ग्रामीण महिलाओं को स्वयं सहायता समूह एवं अन्य सामुदायिक संस्थाओं के माध्यम से संगठित करते हुए उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। आजीविका मिशन अंतर्गत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को विभिन्न प्रकार की कृषि एवं गैर-कृषि आधारित आजीविका से जोड़ते हुए उन्हें लखपति महिला बनाने हेतु  युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है, एवं विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जोड़ा जा रहा है ,ताकि वे सालाना कम से कम एक लाख या उससे अधिक की आय अर्जित कर सकें।

 

ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने की  दिशा में 

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा सकारात्मक  व प्रभावी कदम उठाए गये हैं। इसी कड़ी में बुन्देलखण्ड में संचालित बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी ने महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का काम किया है। बलिनी आधी आबादी के स्वावलंबन की मिशाल बना गयी है। कम्पनी दुग्ध उत्पादकों से दुग्ध एकत्र करने के बाद उसे संरक्षित कर बेचती हैं। महिलाओं की इस साहसिक  पहल  ने उनकी आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है।  ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत चलाई जा रही कम्पनी सदस्यों को पशुओं के लिए हरे चारे की व्यवस्था, कृत्रिम गर्भाधान, गुणवत्तायुक्त पशु आहार आदि सुविधाएं भी मुहैया करा रही है ।  राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार बलिनी मिल्क 

प्रोड्यूसर कम्पनी की स्थापना 2019 में झांसी में की गयी थी। कम्पनी का उद्देश्य सदस्य उत्पादकों को विशेष रूप से महिलाओं के हितों की रक्षा करना है।  दूध उत्पादकता बढ़ाने के लिए पारदर्शी तरीका, समय पर भुगतान, क्षमता निर्माण, एवं पशुधन सहायता सेवा में प्रदान करने के अपने इन उद्देश्यों को पूरा करने में बलिनी आज बड़ा नाम बन चुकी है। बलिनी में अपने  संग्रह से भण्डारण तक की प्रक्रिया में बिचौलियों को दूर रखा गया है, इससे सीधे किसानों को  भी लाभ  मिल रहा है।


 बुन्देलखण्ड क्षेत्र के अन्तर्गत सातों जनपदों के 1120 ग्रामों से 71 हजार महिलाओं द्वारा प्रतिदिन 2.40 लाख लीटर दुग्ध का संग्रह किया जा रहा है। अभी तक  रू 1250  करोड़ का कारोबार करते हुए रू 1046 करोड़ का  भुगतान पूर्ण करते हुए 

रू 24 करोड़ का लाभांश अर्जित किया गया है। कम्पनी में 13600 महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?