वरिष्ठ पत्रकारों का हालचाल लेंगी मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति


लखनऊ। राज्य मुख्यालय के 895 पत्रकारों द्वारा नवनिर्वाचित उ.प्र. मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति वरिष्ठ पत्रकारों का हालचाल लेने के लिए उनसे मुलाकात करेगी। उनकी समस्याएं सुनेगी, समाधान और सहयोग के लिए हर संभव प्रयास करेंगी। साथ ही इनकी पत्रकारिता के अनुभवों और सुसंस्कारों को नई पीढ़ी के युवा पत्रकारों तक सांझा करने के लिए मंचीय और रिकार्डेड वीडियो कार्यक्रम पेश करने की भी योजना है।

       संवाददाता समिति द्वारा पत्रकारिता और पत्रकारों के हितों के लिए तैयार किए गए कार्यक्रमों की कार्यसूची में कई ऐसी योजनाएं भी सम्मिलित की गई हैं जिसे क्रियान्वित करने के लिए सरकार पर निर्भर नहीं रहना है। 

          प्रत्येक चुनाव में दो-तीन वर्ष के उपरांत वोट मांगने के लिए वयोवृद्ध पत्रकारों को जब फोन किया जाता है तो उनकी जायज़ शिकायत रहती है कि वोट के लिए सब संपर्क करते है पर कोई उनका हालचाल कभी नहीं पूछता। वो कैसे हैं, किस हाल में हैं, किन-किन समस्याओं से जूझ रहे हैं। उनका स्वास्थ्य कैसा है, बीमार हैं तो उनके इलाज में मेडिकल संबंधित कोई समस्या तो नहीं है। तय किया है कि सिलसिलेवार बुजुर्ग पत्रकारों को फोन कर उनका हालचाल लेंगे, उनकी समस्याएं सुनेंगे और समाधान और सहयोग का प्रयास करेंगे। यदि घर पर मिलने की अनुमति मिलेगी तो उनके घर जाकर उन्हें सम्मान स्वरूप भेंट भी करेंगे, आर्शीवाद लेंगे और वयोवृद्ध पत्रकारों कि समस्याओं, स्वास्थ्य संबंधित जानकारी और इलाज इत्यादि में यदि कोई दिक्कत आ रही है तो सहयोग करेंगे।

         इन वरिष्ठ पत्रकारों की पत्रकारिता के अनुभव साझा करने और नई पीढ़ी को पत्रकारिता के मूल उद्देश्य और सुसंस्कारों का संदेश देने की गुफ्तगू को रिकार्ड किया जाएगा। वयोवृद्ध पत्रकारों की वर्तमान समस्याओं पर स्टोरी पैकेज तैयार किए जाएंगे। उनकी मदद की हर संभव कोशिश की जाएगी। साथ ही पुराने दौर की पत्रकारिता के किस्सों की रिकार्डिंग को संग्रहित किया जाएगा ताकि वर्तमान और भविष्य की पत्रकारिता को अतीत की सुनहरी यादों से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। 

      बताते चलें कि उत्तर प्रदेश मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त लगभग दो  सौ वरिष्ठ (साठ वर्ष से अधिक) पत्रकार हैं, जिसमें लगभग दो दर्जन अति वरिष्ठ पत्रकारों की आयु सत्तर से नब्बे के बीच हैं। 

        एक माह पहले विधानसभा के टंडन हाल में सम्पन्न हुए संवाददाता समिति के चुनाव में नब्बे फीसद से अधिक मतदान हुआ था। बुजुर्ग, बीमार और चलने में अक्षम अति वरिष्ठ पत्रकारों ने भी मतदान करना जरूरी समझा था। कोई व्हीलचेयर पर तो कोई वॉकर के सहारे विधान सभा के टंडन हाल वोट डालने आया था। यदि हम अपने वरिष्ठों का मौरल सपोर्ट भी ना कर सकें तो सभी पत्रकार संगठनों को बंद कर देना चाहिए।



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