आत्मा की तरह होता है व्यक्तित्व में संस्कार : डॉ लीना मिश्र
बालिका विद्यालय में संस्कृति सप्ताह का आयोजन आरंभ
जैसे शरीर में आत्मा होती है वैसे ही व्यक्तित्व में संस्कार। यदि संस्कार नहीं है तो व्यक्तित्व निष्प्राण। अपने संस्कारों से व्यक्ति और अपनी संस्कृति से समाज पहचाना जाता है। इसीलिए संस्कृति संरक्षण और संवर्धन के लिए समाज और सरकारें यथासंभव जागरूक और प्रयासरत रहती हैं कि हमारी सांस्कृतिक विशेषताएं इतनी उन्नत हों कि लोग अलग से पहचानें और याद रखें। इसीलिए शासकों से अधिक संस्कृतिकर्मी समाज में और देश में स्मरण किए जाते हैं। संस्कृतिकर्मी जीने का एक अलग समरस और आनंदमयी रास्ता दिखाते हैं, जो पूरे समाज के लिए स्वीकार्य होता है।
बालिका विद्यालय इंटरमीडिएट कॉलेज, मोती नगर, लखनऊ में भारत विकास परिषद, महिला शाखा चौक, लखनऊ, अवध प्रांत के सौजन्य से संस्कृति सप्ताह आयोजन का शुभारंभ किया गया। भारत विकास परिषद का उद्देश्य स्वस्थ, समर्थ और संस्कारित भारत का निर्माण करना है। इनके द्वारा सदैव ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। आज संस्कृति सप्ताह के अंतर्गत कजरी गीतों की प्रस्तुति छात्राओं के माध्यम से दी गई। इस कार्यक्रम का आयोजन शालिनी श्रीवास्तव, पूनम यादव, रागिनी यादव और प्रतिभा रानी के निर्देशन में हुआ। छात्राओं ने बहुत खूबसूरती से पिया गए परदेस लिखे ना पाती रे हारी, झुकी है काली बदरिया लपक जल बरसे रे हारी, शिव शंकर चले कैलाश बुंदिया पड़ने लगी, झूलूंगी झूला उमंग भरी मन में आदि अनेक कजरी गीतों की सस्वर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में उमा रानी यादव, सीमा आलोक वार्ष्णेय, ऋचा अवस्थी, अनीता श्रीवास्तव, मीनाक्षी गौतम, रितु सिंह उपस्थित थीं। कक्षा 7 की इल्मा प्रथम, कक्षा 6 की अलीजा और आयजा द्वितीय, कक्षा 8 की आफरीन, सोनी सिंह और काजल तृतीय स्थान पर रही और कक्षा 7 की रुखसार को सांत्वना पुरस्कार मिला। ये सभी पुरस्कार भारत विकास परिषद महिला शाखा चौक की सचिव मंजू अग्रवाल, उपाध्यक्ष संगीता अग्रवाल, महिला संयोजिका साधना रस्तोगी और सदस्य ज्योति अग्रवाल द्वारा दिए गए। विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ लीना मिश्र द्वारा सभी प्रतिभागी छात्राओं को बधाई दी गई।