पूर्णिमा वर्मन
साहित्य, संगीत, कला और दर्शन की अनेक विधाओं में सक्रिय, पूर्णिमा वर्मन का जन्म पीलीभीत, उ.प्र. में हुआ। वेब पर हिंदी की पहली व्यवस्थित पत्रिका के रूप में अभिव्यक्ति और अनुभूति का ऐतिहासिक महत्व है जिसका संपादन पूर्णिमा वर्मन शारजाह से करती रही हैं। नवगीत पर केन्द्रित कई बरसों से वे लखनऊ में वृहद आयोजन, करती आ रही हैं. पूर्णिमा जी के तीन कविता संग्रह प्रकाशित हैं, अनेक प्रवासी साहित्यिक संकलनों और पाठ्यक्रमों में उनकी रचनाएँ शामिल हैं। केंद्रीय हिंदी संस्थान सहित कई संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत/सम्मानित पूर्णिमा वर्मन ने 25 वर्षों तक शारजाह में रहने के बाद लखनऊ में साहित्यिक/सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना की है।