कलायें हमारे जीवन को सुन्दर और रसमय बनाती हैं : अन्विता तिवारी
पेन्टिंग विद् आयल कलर्स विशिष्ट कला शिविर का भव्य समापन
ललितपुर। सिद्धन रोड स्थित कला भवन में प्रख्यात चित्रकार ओमप्रकाश बिरथरे द्वारा आयोजित 26 मई से 23 जून 2024 तक विशिष्ट कला शिविर पेन्टिग विद् आयल कलर्स का समापन आबकारी निरीक्षक अन्विता तिवारी के मुख्य आतिथ्य में एवं सेवानिवृत्त प्रधानाचार्या शान्ति मालवीय की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप से माँ सरस्वती पूजन एवं दीप प्रज्जवलन द्वारा किया गया। शिविर आयोजक ओमप्रकाश बिरथरे ने शिविर में किये गये कार्यो के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुये कहा कि इस शिविर में कलासाधकों से पिक्चर कम्पोजीशन में सुर साधिका, लैण्डस्केप में प्रकृति सौन्दर्य एवं एव्सट्रैक्ट पैन्टिंग में सियाराम कलाकृतियों को बनाया गया। एव्सट्रैक्ट पैन्टिंग सियाराम के विषय में बताते हुये उन्होंने कहा कि सिया और राम के बीच में जब सोने का मृग आया, और सीता ने स्वर्ण मृग की मांग की, तभी सीता का हरण हुआ और श्री राम व सीता को कष्टों का सामना करना पड़ा। बिरथरे ने बताया कि कलासाधना शिविर में कलासाधकों में अपने कार्य को पूर्ण करने की क्षमता एवं चिन्तनशीलता का विकास हुआ। शिविर के कलासाधको द्वारा बनाई गयी कलाकृतियों को देखकर उपस्थित अतिथि मंत्रमुग्ध हो गये। मुख्य अतिथि आवकारी निरीक्षक अन्विता तिवारी ने कहा कि बिरथरे जी के द्वारा कलाभवन में बनाये गये चित्रों को मैने देखा है, वह निश्चित रूप से प्रदेश एवं राष्ट्र के लिए गौरव का रूप है। ललितपुर एवं बुन्देलखण्ड में कलाशिविरों का आयोजन निश्चित रूप से आज की आवश्यकता है। चित्रसूत्र में चित्र कला को समस्त कलाओं में श्रेष्ठ कहा गया है। कला हमारे जीवन को सुन्दर और रसमय बनाती है, साथ ही वर्तमान समय में युवा पीढ़ी में बढ़ते हुए अवसाद और धैर्य की कमी का कारण युवा को निराशा व कुंठा की ओर ले जा रहा है, ऐसे में उनकी सृजनशक्ति को चित्रकला के माध्यम से उपयोग करके सृजनात्मकता की ओर ले जाकर उन्हें सकारात्मक बनाया जा सकता है। मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम के पूर्व कला भवन में लगी बिरथरे के चित्रों की प्रदर्शनी का परिवार सहित अवलोकन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही सेवा निवृत्त प्रधानाचार्य ने कहा कि मात्र 29 दिनों में कलासाधकों द्वारा इतनी दक्षता प्राप्त कर लेेना निश्चित ही सुखद प्रयास है। सेवा निवृत्ति के बाद से बिरथरे द्वारा कला प्रतिभाओं को निखारने के लिए प्रतिवर्ष दो निशुल्क शिविरों के आयोजनों के द्वारा कला साधकों को कला शिक्षण के द्वारा अच्छे चित्रकार बनाने की दिशा में उनका योगदान निश्चित ही सराहनीय है। इस अवसर पर कवि अखिलेश शांडिल्य द्वारा ओ.पी. बिरथरे को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में कवि अखिलेश शांडिल्य, मिशन बेटियाँ के संयोजक डा.विकास गुप्ता, कृष्णकान्त सोनी, मानव आर्गनाईजेशन के अध्यक्ष पुष्पेन्द्र सिंह चौहान एड., जयशंकर द्विवेदी, जगदीश पाराशर ने भी सम्बोधित किया। इस शिविर मे प्रतिभाग कर रहे 23 कलासाधकों को प्रमाणपत्र स्मृति चिन्ह देकर पुस्कृत किया गया। इस कार्यक्रम में इंजी.महेश प्रसाद बिरथरे एवं इंजी.शुभ विशेष का सहयोग रहा। इस अवसर पर गोविन्द व्यास, विनोद त्रिपाठी, उर्वशी साहू, अरविन्द नायक, सुरेश साहू, मुकेश पटेल, तरूण जामकर, अवधेश त्रिपाठी, अजयवीर सिंह, इंजी.रूचिका बिरथरे, गंगेले विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन ब्रजमोहन संज्ञा ने किया।