राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान योग पर काव्यपाठ संपन्न,



 लखनऊ,राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उ0प्र0, के तत्वावधान में ‘करें योग, रहें निरोग’ पर योग का कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता संस्थान की उपाध्यक्ष डॉ0 शोभा दीक्षित ‘भावना’ ने की। मुख्य अतिथि के रूप में होशियार सिंह उपस्थित थे। विशिष्ट अतिथि डाॅ0 दिनेश चन्द्र अवस्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के सदस्यों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। संस्थान की महामंत्री डॉ0 सीमा गुप्ता द्वारा वाणी वन्दना प्रस्तुत की गयी। संस्थान की महामंत्री डाॅ0 सीमा गुप्ता द्वारा कार्यक्रम की रूपरेखा को बताने के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। 

   समारोह में इसी प्रकार डाॅ0 उमेश ‘आदित्य’, डाॅ0 सीमा गुप्ता, डाॅ0 शोभा दीक्षित ‘भावना’, डाॅ0 हरी प्रकाश ‘हरि’, सुरेन्द्र शर्मा, चन्द्रदेव दीक्षित ‘चन्द्र’, अखिलेश त्रिवेदी ‘शाश्वत’ एवं ओम प्रकाश तिवारी आदि साहित्यकार उपस्थित थे। सभी ने योग जैसे महत्त्वपूर्ण विषय पर काव्य-पाठ एवं वक्तव्य प्रस्तुत कर कार्यक्रम को सफल बनाया। 

      काव्य पाठ में डाॅ0 शोभा दीक्षित ‘भावना’ ने वायु को वायु रहने दे, नीर को नीर रहने दे,शब्द को अर्थ दे लेकिन वही तासीर रहने दे। खूब वाहवाही बटोरी। वहीं चन्द्रदेव दीक्षित- विष का सागर है जग सारा, तृष्णाओं से मन है हारा। डाॅ0 हरी प्रकाश ‘हरि’ ने चाहो पलते रहें प्राण तो पर्यावरण प्रदूषण रोको। पंक्तियां सुना कर मनमुग्ध किया। डाॅ0 दिनेश चन्द्र अवस्थी – कविता और इलाज की पद्धतियाँ हैं तीन। एलोपैथिक काव्य की बजे मंच पर बीन सुनायी तो वहीं डॉ सीमा गुप्ता ने योग दिवस पर अपने अंदाज में करो योग रहो निरोग पर मुक्तक, काया माया से बड़ी, सच्ची है ये बात। सुना लोगों को आनंदित किया। वहीं सुरेन्द्र शर्मा योग ही जीवन योग ही उत्सव की बात की। डॉ.उमेश वर्मा आदित्य ने योग पर दोहे सुनाए,जिसकी काफी सराहना की गई।

    कार्यक्रम में राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उत्तर प्रदेश के सदस्य व पदाधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन चन्द्रदेव दीक्षित ‘चन्द्र’ द्वारा किया गया।


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