जिंदगी का मैदान...
जिंदगी एक ऐसा है मैदान,
जनम लेकर यहां मिलता है नाम,
उसी नाम से बनती है सबकी पहचान।
जीवन में आगे बढ़ते हुए ,
जिंदगी को खुलकर जीते हुए,
एक-एक कर सबसे परिचित हुए।
कभी हुआ सामना यहाँ हर्ष से,
कभी किया सामना यहाँ संघर्ष से,
कभी पहुंचे अर्श तक यहाँ हम फर्श से।
खूबसूरती से जीवन जीने की कला,
आती है ये सबको कहां भला,
हर कोई बस अपने में ही रमता चला।
देखे हैं तमन्ना ने रंग-बिरंगी इस दुनियाँ में,
ठुकराकर दूर किया है जहाँ कई अपनों ने,
लेकिन सच में यहाँ अपनाया भी है बहुतों ने।
हर हाल में जीवन तो जीना ही पड़ेगा,
सुन ले,कायर नहीं तू जो गिर पड़ेगा,
सफल होकर मंजिल तू फिर से चढ़ेगा।
रे मानव!अपनी राह पर तू चला चल,
नहीं किसी को खबर क्या होना है कल,
जीवन जी ले कीमती है जिंदगी का हर पल।।
-तमन्ना मतलानी
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