बुन्देलखण्ड के 07 जनपदों के सभी 47 विकास खण्डों में प्राकृतिक खेती की योजना के प्रस्ताव का अनुमोदन
मंत्रिपरिषद ने बुन्देलखण्ड के 07 जनपदों के सभी 47 विकास खण्डों में प्राकृतिक खेती की योजना (वर्ष 2022-23 से 2026-27) के क्रियान्वयन के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
बुन्देलखण्ड क्षेत्र की भौगोलिक एवं जलवायु विषमता के कारण प्राकृतिक खेती स्वतः कृषकों द्वारा विभिन्न रूप में की जा रही है। इसे और बढ़ावा देने के लिए राज्य के वित्तीय संसाधनों से प्राकृतिक खेती की पंचवर्षीय योजना का क्रियान्वयन बुन्देलखण्ड के सातों जनपदों-झांसी, ललितपुर, जालौन, बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर एवं महोबा के सभी 47 विकास खण्डों में चरणबद्ध ढंग से प्रति विकास खण्ड 500 हेक्टेयर क्षेत्रफल में की जाएगी। योजना अवधि में सभी 47 विकास खण्डों में प्रथम चरण (वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक) में 235 क्लस्टर (11,750 हेक्टेयर क्षेत्रफल) तथा द्वितीय चरण में (वर्ष 2023-24 से 2026-27 तक) में 235 क्लस्टर (11,750 हेक्टेयर क्षेत्रफल) में क्रियान्वित की जाएगी। इस प्रकार 05 वर्ष में 23,500 हेक्टेयर क्षेत्रफल में कुल 470 क्लस्टरों का गठन कर योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। प्रत्येक क्लस्टर 50 हेक्टेयर क्षेत्रफल का होगा।
योजना के अन्तर्गत कृषकों का चयन उनकी इच्छा के आधार पर किया जाएगा। योजना हेतु वही कृषक पात्र होंगे, जो गोवंश पालते हों अथवा निकटतम स्थापित गोशाला से गोवंश अधिग्रहण के इच्छुक हों। इन इच्छुक कृषकों को गोशाला से गोवंश अधिग्रहण/गोद लेने के विषयगत सम्बन्धित विभाग यथा पशुधन विभाग द्वारा गोवंश संरक्षण हेतु अनुमन्य अनुदान भी तदनुसार उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रस्तावित योजना से जुड़े कृषकों को लागत में कमी तथा प्राकृतिक उत्पाद का प्रीमियम मूल्य पर विक्रय के माध्यम से आर्थिक रूप से सीधा लाभ प्राप्त होगा। साथ ही प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से भी जन-सामान्य को सीधा लाभ प्राप्त हो सकेगा। प्रस्तावित योजना में ग्राम पंचायत स्तर पर 50 हेक्टेयर क्षेत्रफल का क्लस्टर गठित किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक क्लस्टर पर एक चैम्पियन फार्मर एवं एक कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन को 04 वर्ष क्रमशः 3000 रुपये एवं 2000 रुपये प्रतिमाह प्रोत्साहन के रूप में दिये जाने का प्रस्ताव है। प्रत्येक क्लस्टर की अवधि 04 वर्ष की होगी, जिस पर कुल धनराशि 14.645 लाख रुपये का व्यय किया जाएगा। इस प्रकार 23,500 हेक्टेयर क्षेत्रफल हेतु 05 वर्ष में योजना की कुल लागत 6883.15 लाख रुपये प्रस्तावित है। योजनान्तर्गत किसानों को प्रोत्साहन के रूप में 15 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर देय है।
क्लस्टर की हैण्डहोल्डिंग, क्षमता विकास, अभिलेखीकरण तथा डाटा प्रबन्धन हेतु कोऑर्डिनेशन कमेटी का गठन किया जाएगा। इस हेतु जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी। मण्डल स्तर पर योजना के अनुश्रवण एवं समीक्षा हेतु मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा। न्याय पंचायत स्तर पर तैनात प्राविधिक सहायक (ग्रुप-सी) क्लस्टर के प्रभारी होंगे। विकास खण्ड स्तर पर योजना के अनुश्रवण हेतु सहायक विकास अधिकारी (कृषि) की अध्यक्षता में ब्लॉक स्तर कोऑर्डिनेशन कमेटी का गठन किया जाएगा।
यह योजना जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभाव के दृष्टिगत कृषि उत्पादन में स्थायित्व लाने, मृदा की उर्वरा शक्ति तथा जीवांश कार्बन में वृद्धि, इनपुट लागत में कमी तथा प्राकृतिक उत्पाद का प्रीमियम लागत प्राप्त कर कृषकों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने, रसायन एवं पेस्टिसाइड मुक्त खाद्य उत्पाद प्राप्त करने, बुन्देलखण्ड में छुट्टा गोवंश की समस्या के समाधान, स्थानीय स्तर पर रोजगार के सृजन तथा रासायनिक उर्वरक के उपभोग में कमी से विदेशी मुद्रा की बचत में सहायक होगी।
मंत्रिपरिषद द्वारा योजना में किसी भी प्रकार के परिवर्तन/संशोधन के लिए मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया गया है।