देश में अकादमी पुरस्कारों की संख्या एवं धनराशि बढ़ाने के लिए कमेटी का होगा गठन-जयवीर सिंह
उ0प्र0 का नाम पूरी दुनिया में रोशन करने वाले महानुभावों को उ0प्र0 दिवस के अवसर पर किया जायेगा सम्मानित
अगले वर्ष प्रदेश के समस्त जनपदों में बच्चों के लिए ग्रीष्म कालीन प्रशिक्षण शिविर लगाये जायेगें-जयवीर सिंह
लखनऊ: 28 जून, 2022
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा है कि उ0प्र0 का नाम पूरी दुनिया में रोशन करने वाले महानुभावों को 11 लाख रूपये की धनराशि, स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया जायेगा। ऐसे व्यक्ति प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के कर कमलों द्वारा उ0प्र0 दिवस के अवसर पर सम्मानित किये जायेंगे। इसके अलावा अकादमी पुरस्कारों की संख्या एवं धनराशि बढ़ाने के प्रस्ताव पर उन्होंने भारत सरकार, प्रदेश सरकार एवं अन्य प्रदेशों द्वारा दिये जाने वाले पुरस्कारों का तुलनात्मक चार्ट बनाने के साथ ही एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिये।
पर्यटन मंत्री आज यहां गोमतीनगर स्थित पर्यटन निदेशालय में संस्कृति विभाग के अकादमी पुरस्कारों के संबंध में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संगीत, नृत्य एवं नाटक के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कलाकारों को अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। इस सम्मान की धनराशि एवं पुरस्कारों की संख्या बढ़ाने के लिए भारत सरकार, दूसरे प्रदेशों तथा राज्य सरकार द्वारा दिये जाने वाले पुरस्कारों का गहनता से अध्ययन कर लिया जाए।
संगीत अकादमी, ललितकला अकादमी, वृन्दावन अकादमी, भारतेन्दु नाटक अकादमी, जैन शोध सस्थान, कत्थक संस्थान, जनजातीय कला संस्थान, बौद्ध शोध संस्थान अपने-अपने संस्थान के माध्यम से सराहनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों के नाम पर पुरस्कार देने पर विचार किया जाये ताकि उनके योगदान को सम्मान दिया जा सके। उन्होंने संस्कृति विभाग को यह भी निर्देश दिये कि अगले वर्ष प्रत्येक अकादमी प्रदेश के 75 जनपदों मंे ग्रीष्म कालीन प्रशिक्षण कैम्प लगाकर गीत-संगीत, कला, चित्रकला, क्राफ्ट, स्क्रीन प्रिंटिग, हस्तशिल्प, पेंटिंग में बच्चों को प्रशिक्षण प्रदान करे ताकि बच्चों में कला के प्रति अभिरूचि को जागृत किया जा सके।
श्री जयवीर सिंह ने यह भी कहा कि ग्रामीण अंचलों में रहने वाले संगीत कलाकारों के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए वेबसाइट सालभर खुली रखी जाए। उन्होंने कहा कि मण्डल स्तर पर कलाकारों की प्रतियोगिता कराकर अच्छी प्रतिभाओं का पंजीकरण कराकर उनको पहचान पत्र दिलाया जाए ताकि प्रदेश में बड़े पर्वों, मेलों एवं अन्य अवसरों पर उनको प्रतिभा दिखाने का अवसर मिल सके। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य बिलुप्त होती जा रही लोक कलाओं को पुनर्जीवित किया जा सके। इसके साथ ही कलाकारों को एकमंच प्रदान कर उन्हें अवसर प्रदान किया जा सके।
उन्होंने इस अवसर पर संस्कृति एवं पुरातत्व निदेशालय के अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो कर्मी वार्षिक स्थानान्तरण नीति के अंतर्गत आच्छादित हो रहे हैं, उनके स्थानान्तरण के प्रस्ताव निर्धारित समय के अंदर प्रस्तुत किया जाए।
इस अवसर पर तमिलनाडु शैक्षणिक भ्रमण की रिपोर्ट का भी प्रस्तुतीकरण किया गया। बैठक में मौजूद प्रमुख सचिव, पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम, संस्कृति निदेशालय के अधिकारियों को निर्देश दिये कि मा0 मंत्री जी द्वारा दिये गये निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए एवं यथाशीघ्र प्रस्ताव तैयार कर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
इस अवसर पर विशेष सचिव संस्कृति श्री आनंद कुमार सिंह, रेणूरंग भारती एवं अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।