मत्स्य विभाग की 100 दिन की कार्ययोजना के अन्तर्गत मत्स्य उत्पादन तथा मछुआ समुदाय की आमदनी बढ़ाने पर जोर दिया जायेगा-डा0 संजय कुमार निषाद
लखनऊ: 07 अप्रैल, 2022
प्रदेश के मत्स्य विकास मंत्री डा0 संजय कुमार निषाद ने मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की मंशानुरूप विभाग की 100 दिन की कार्ययोजना को निर्धारित समय में जमीनी स्तर पर उतार कर पूरे किये जाने के निर्देश अधिकारियों को दिये है। उन्होंने कहा कि जो कार्ययोजना 100 दिन के अंदर पूरी हो जाये उसको लोकार्पण के लिए तैयार करे ताकि उसका लाभ मछुआ समुदाय को मिल सके। उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश को देश का नं0-1 राज्य तथा नं0-1 अर्थव्यवस्था बनाये जाने का जो लक्ष्य निर्धारित किया है। उसमें मत्स्य विभाग की अहम भूमिका होगी इसलिए अधिकारी योजनाओं को तेजी से धरातल पर उतारे।
डा0 निषाद ने कहा कि मत्स्य विभाग द्वारा 100 दिन की कार्ययोजना के तहत रिवर रैचिंग के माध्यम से कुल 05 लाख मत्स्य अंगुलिका का संचय करने के लक्ष्य निर्धारित किया गया है इससे मछुआ समुदाय के व्यक्तियों को मत्स्याखेट के माध्यम से रोजगार एवं आय में वृदि के साथ ही नदियों की मत्स्य सम्पदा का संरक्षण एवं संवर्धन हो सकेगा। इसके अलावा 100 दिन के एजेण्डा के मछुआ समुदाय को 2064 लाख मत्स्य बीज वितरित किया जायेगा। इससे उत्तर प्रदेश मत्स्य विकास निगम व हैचरियों एवं निजी क्षेत्र के हैचरियों से मत्स्य पालकों के तालाबो/जलाशयों में गुणवत्ता युक्त मत्स्य बीज की आपूर्ति होगी। इसके माध्यम से तालाबों से मछली उत्पादन प्राप्त होगा एवं मत्स्य पालकों की आय में वृद्धि होगी इसके साथ ही उनकी आजीविका के लिए साधन भी उपलब्ध होगा।
मत्स्य विकास मंत्री ने कहा कि 100 दिन के एजेण्डे के तहत तालाबों के जल तथा मृदा के परीक्षण/विश्लेषण किया जायेगा। इसके साथ ही 3950 सैंपल का परीक्षण एवं विश्लेषण होगा। इससे जल तथा मृदा परीक्षण के माध्यम से रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक तत्वों की पूर्ति हेतु निवेश किया जाना संभव होगा। जिससे अनावश्यक निवेश पर होने वाले व्यय में कमी आयेगी। इस निवेश के फलस्वरूप बचत एवं तालाब की उत्पादकता के साथ आमदनी में वृद्धि होगी।
उन्होने कहा कि मत्स्य पालन हेतु नवीन 750 हेक्टेअर अतिरिक्त जल क्षेत्र का आच्छादन 100 दिन के भीतर किया जायेगा। इस कार्ययोजना से ग्रामसभा के आवंटित तालाबों एवं गत वर्ष के निजी क्षेत्रों में मत्स्य बीज संचय कर आच्छादित कराये जायेगे। इस कार्ययोजना से अतिरिक्त जल क्षेत्र आच्छादित होगा और इससे जुड़े व्यक्तियों को रोजगार के अवसर प्राप्त होगें तथा उनकी आजीविका के साधन में वृद्धि के साथ प्रदेश के कुल उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी होगी। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मछुआ समुदाय के उत्थान, मत्स्य पालकों को स्वरोजगार एवं उनके आर्थिक स्वावलम्बन हेतु संचालित योजनाओं को मछुआ समुदाय तक पहुंचाने का कार्य तेज गति से किया जाना सुनिश्चित किया जाये।
बैठक में मत्स्य विभाग के विशेष सचिव एवं निदेशक डा0 सरोज कुमार, उप निदेशक डा0 हरेन्द्र प्रसाद, संयुक्त निदेशक श्री राजेन्द्र सिंह, उप निदेशक नियोजन श्रीमती मोनिशा सिंह तथा उप निदेशक श्रीमती अंजना वर्मा उपस्थित थी।