साधु-संत,पीर-फकीर बनना आसान नही

 शक्ल सुरत गर नवाजा है रब ने सिरत बेहतर बनाये रखना इज्जत करेगे सब।

बदसूरत भी गर हो इन्सानियत और मोहब्बत बनाये  रखना प्यार करेंगे सब।

सब कुछ गर नवाजा है रब ने सख़ावती बनजावो दुआए देंगे अपने पराये सब।

साधु-संत,पीर-फकीर बनना आसान नही अपनेआप की कुर्बानी देनी पडती तभी याद करते सब।

आशफाक खोपेकर

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