पशुओं की नरोत्पादन क्षमता कैसे बढ़ायें : डा.अहमद
पशुओं की नरोत्पादन क्षमता कैसे बढ़ायें : डा.अहमद
ललितपुर। कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा बरखेरा में एक दिवसीय पशुपालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें गांव के लगभग 25 पशुपालकों ने हिस्सा लिया। केन्द्र, के पशुपालन वैज्ञानिक डा.मारुफ अहमद ने पशुओं की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए किसानों को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने किसानों को पशुओं को संतुलित आहार के साथ-साथ समय से कृत्रिम गर्भाधान कराने की सलाह दी। डॉ0 अहमद ने पशुओं के गर्मी में लक्षण आने 10-12 घंटे के बाद किसी अच्छे नस्ल के सांड से प्राकृतिक या कृत्रिम गर्भाधान तकनीक द्वारा उन्हें गर्भित कराने पर जोर दिया। गाय या भैस के ब्याने के डेढ़ माह बाद उनकी गर्मी में आने की निगरानी रखें। यदि वे तीन महीने तक गर्मी के लक्षण प्रकट नहीं करते हैं तो किसी नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए ताकि समय से उनका उपचार किया जा सके। इसके साथ-साथ पशुओं को प्रत्येक तीन माह बाद पेट के कीड़े की दवा देना आवश्यक है तथा उनके बछड़ों को भी एक माह की उम्र में दवा खिलाएं जिससे उनकी अच्छी बढ़वार हो सके। बछड़ों को चार माह की उम्र होने पर खुरपका, मुॅहपका (वेखरा) रोग के टीके लगवाना चाहिए। बड़े पशुओं को प्रतिवर्ष दो बार वेखरा रोग का टीकाकरण कराना आवश्यक हैं। डा.अहमद ने किसानों को पशुओं की अच्छी नस्लें रखने और उनके वैज्ञानिक विधि से रखरखाव के बारे में भी जानकारी दी। कायक्रम के दौरान किसानों ने पशुओं से स बन्धित समस्यायें भी रखी जिसका समाधान भी किया गया।