प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रगति समीक्षा की गई
प्रधानमंत्री आवास योजना के ए.एच.पी. घटक के अन्तर्गत मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा शिलान्यास की गई 11 परियोजनाओं की प्रगति समीक्षा प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा की गई। समीक्षा बैठक में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के विभिन्न अभिकरणों के विभागाध्यक्षों, सूडा के अधिकारियों आदि ने भाग लिया।
इस संबंध में प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग दीपक कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के ए.एच.पी. घटक के अन्तर्गत 11 परियोजनाओं का शिलान्यास मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा वर्ष-2018 में किया गया है। इन परियोजनाओं में से 01 परियोजना प्रयागराज विकास प्राधिकरण, 03 परियोजनाएं कानपुर विकास प्राधिकरण, 04 परियोजनाएं उ.प्र. आवास एवं विकास परिषद तथा 03 परियोजनाएं मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा क्रियान्वित की जा रही है।
बैठक में उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण प्रयागराज के द्वारा अवगत कराया गया कि कालिन्दीपुरम गोकुल सेक्टर में 312 भवनों की परियोजनाओं का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा आवंटियों से अनुबन्ध निष्पादन की कार्यवाही की जा रही है। इस परियोजना में 305 भवनों का आवंटन किया जा चुका हैं, जिसके सापेक्ष 298 भवनों का एम0आई0एस0 अटैचमेन्ट सूडा द्वारा किया जा चुका है। इसी प्रकार उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण कानपुर के द्वारा अवगत कराया गया कि रामगंगा इन्क्लेव योजना में 576 भवनों का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जबकि महावीरनगर विस्तार योजना में 5040 तथा सकरापुर योजना में 2208 भवनों का कार्य फिनिशिंग स्टेज में है। आवंटन की कार्यवाही पूर्ण कर ली गयी है तथा इन परियोजनाओं में दिसम्बर 2021 तक कार्य पूर्ण करा लिया जायेगा। रामगंगा इन्क्लेव में 576 भवनों के सापेक्ष 535, महावीरनगर विस्तार योजना में 5040 भवनों के सापेक्ष 4706 तथा सकरापुर योजना में 2208 भवनों के सापेक्ष 1876 भवनों का एम0आई0एस0 अटैचमेन्ट किया जा चुका है। महावीरनगर विस्तार योजना दिसम्बर 2021 तक तथा सकरापुर योजना मार्च 2022 तक पूर्ण कर ली जायेगी। उपाध्यक्ष, कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि महावीरनगर विस्तार योजना में तदर्थ आरक्षण पत्र निर्गत किये जा रहे हैं।
अपर आवास आयुक्त, उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद द्वारा अवगत कराया गया कि अवध विहार योजना सेक्टर-10बी में 2128 भवनों के सापेक्ष 1264 भवनों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है एवं 864 भवन फिनिशिंग स्टेज पर है। अवध विहार योजना सेक्टर-3 पार्ट-2 के अन्तर्गत स्वीकृत 960 भवनों के सापेक्ष सभी 960 भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। अवध विहार सेक्टर-7ए में स्वीकृत 992 भवनों के सापेक्ष 368 भवनों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है एवं 624 भवनों का निर्माण कार्य विभिन्न स्तरों पर है। अवध विहार सेक्टर-7बी पार्ट-2 में स्वीकृत 672 भवनों के सापेक्ष 480 भवनों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है एवं 192 भवनों का निर्माण कार्य विभिन्न स्तरों पर है। परिषद द्वारा अवगत कराया गया कि उपरोक्त सभी निर्माणाधीन भवन दिसम्बर, 2021 तक पूर्ण करा लिये जायेगें तथा यह भी अवगत कराया गया कि निवन्धन की कार्यवाही भी शीघ्र
आरम्भ करा ली जायेगी। अवध विहार योजना में आवंटित 2128 भवनों के सापेक्ष 1907 भवनों का एम0आई0एस0 अटैचमेन्ट कराया जा चुका है। शेष अवध विहार योजना सेक्टर-3 पार्ट-2, अवध विहार योजना सेक्टर -7ए एवं अवध विहार योजना सेक्टर -7ए पार्ट-2 में आवंटित भवनों के सापेक्ष शत प्रतिशत एम0आई0एस0 अटैचमेन्ट कार्य कराया जा चुका है।
उपाध्यक्ष, मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा अवगत कराया गया कि मेरठ में शताब्दीनगर योजना एवं लोहियागार योजना में क्रमशः स्वीकृत 384 एवं 128 भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया गया है। इन परियोजनाओ में सभी मूलभूत सुविधाओं को दिसम्बर, 2021 तक पूर्ण करा लिया जायेगा। सरायकाजी योजना में 576 भवनों के सापेक्ष 108 भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है एवं 468 भवन विभिन्न स्तर पर निर्माणाधीन है। इस योजना में निर्माण कार्य जून, 2022 तक पूर्ण करा लिया जायेगा। शताब्दीनगर योजनान्तर्गत आवंटित 377 भवनों के सापेक्ष 342, सरायकाजी योजना में आवंटित 501 भवनों के सापेक्ष 375 एवं लोहियानगर योजना में आवंटित 120 भवनों के सापेक्ष 107 भवनों का एम.आई.एस. अटैचमेन्ट कार्य पूर्ण कराया जा चुका है।
प्रमुख सचिव ने सूडा को तत्काल अवशेष अटैचमेन्ट का कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण कराते हुए परियोजनाओं के सापेक्षा अवशेष द्वितीय एवं तृतीय किश्त को अवमुक्त कराने की कार्यवाही को संपादित किये जाने के निर्देश दियेे। इसके साथ ही उन्होने यह भी निर्देश दिये कि इस सम्बन्ध में नगर विकास/सूडा/सम्बन्धित उपाध्यक्षों/सम्बन्धित जिलाधिकारियों को पत्र प्रेषित किया जाये एवं आगामी समीक्षा बैठकों में इन सभी परियोजनाओं की निरन्तर समीक्षा करायी जाये तथा परियोजनाओं का सम्बन्धित उपाध्यक्षों द्वारा निरन्तर अनुश्रवण कर परियोजनाओं में निर्माण विकास कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण कराया जाये।