अवसाद मेरी नज़र में

मैं सूक्ष्म में बताना चाहूंगी
अवसाद एक अदृश्य भावनीक बीमारी है। यह व्यक्ति के स्वभाव के कारण उत्पन्न होती है। 
1- अत्यधिक महत्त्वकांक्षा
2-दूसरों से तुलना का स्वभाव
3-परिजनो  द्वारा बढ़ती अपेक्षायें
4- एकाकी परिवार
5- पढ़ाई,नौकरी, व्यवसाय के सिलसिले में अकेले रहना
6- बड़ों की सही सलाह नहीं मानना
  और पछताना
7-स्वाभिमान
8- बच्चों को जरुरत से ज्यादा पेंपर करना  उसे आगे बढ़ने के लिए
तन मन धन सब बांट देना और फिर
उसका अपेक्षित प्रतिफल न पाना
ये तो कुछ कारण हैं। ऐसे ही अनगिनत
छोटे छोटे कारण भी अवसाद  की उपज पैदा कर देते हैं।
   इनमें से कोई न कोई कारण रहता है
आजकल ज्यादा ही सुनने में आता है यह डिप्रेशन शब्द।
पहले भी अवसाद पनपता था ऐसा नहीं है, पर सकुटुम्बीय परिवार व्यवस्था के चलते कोई न कोई सदस्य उसे संभाल लेता था और किसी बाहरी व्यक्ति को पता भी नहीं चलता था।
इस बीमारी से बाहर आ जाता था।
न इतने मानसिक रोगी थे  न इतने  मानसिक रोगी विशेषग्य डाक्टर ही।


 काश वही सामाजिक व्यवस्था फिर आ जाये और ये अदृश्य रोग लुप्त हो जाये।


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