ओ मेरे प्यारे पंछी
ओ मेरे प्यारे पंछी
आज मैं तुम्हें आजाद करती हूं,
इस अनचाही कैसे हमेशा के लिए,
मैंने नहीं समझा तुम्हारा दर्द,
तुम्हारी पीड़ा,
तुम्हारी तकलीफ, तुम्हारी ख्वाइिश,
ओ मेरे प्यारे पंछी
तुम उड़ जाओ कहीं और
हर पिंजरे हर बंदिश से दूर
तुम्हारे खूबसूरत पंख बेताब है ,
फेलने के लिए,
ओ मेरे प्यारे पंछी
घूम लो तुम इस नीले आसमान को,
छू ले इन ऊंच- ऊंचेे पेड़ों को,
ये खूबसूरत खुला आसमान,
इंतजार कर रहा है तुम्हारा
ओ मेरे प्यारे पंछी,
मुझे माफ कर देना,
स्वार्थी हो गई थी मैं ,
अपनी खुशी के लिए
तुम्हारा है इतना जीवन
मैंनेें निरर्थक कर दिया,
अब तुम स्वछंद हो, आजाद हो,
जहां रहो खुश रहो आबाद रहो।