पूरे प्रदेश में सिंचाई विभाग की भूमि एवं अन्य परिसम्पत्तियों से अवैध कब्जा हटाये जाने की कार्यवाही युद्धस्तर पर जारी

लखनऊः 04 फरवरी, 2020

 

     उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह के निर्देश पर सिंचाई विभाग की जमीनों तथा परिसम्पत्तियों पर किये गये अवैध कब्जे को खाली कराने के अभियान के अन्तर्गत आज राजधानी के ग्राम हैवतमऊ मवैय्या एसजीपीजीआई के मुख्य द्वार के सामने एवं तेलीबाग स्थित शनि मंदिर से पं0 दीन दयाल उपाध्याय पार्क तक सिंचाई विभाग के नहर के किनारे-किनारे विभिन्न स्थानों पर तथा कालिन्दी पुल के निकट पीपरीखेड़ा में लगभग 25-30 वर्षों से सिंचाई विभाग की जमीन पर किये गये अवैध कब्जे को सिंचाई विभाग के अधिकारियों तथा जिला प्रशासन के सहयोग से अतिक्रमणमुक्त कर दिया गया। 

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सिंचाई विभाग की जमीन पर स्थायी संरचना 85.47 वर्गमी0 तथा अस्थायी संरचना 185.90 वर्गमी0 अर्थात् कुल 271.37 वर्गमी0 पर किये गये अवैध कब्जे को मुक्त कराया गया। इस भूमि की कीमत सर्किल रेट के अनुसार 84.12 लाख रु0 है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस अवैध कब्जे को हटाने में सिंचाई विभाग लखनऊ खण्ड-2 शारदा नहर लखनऊ के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के नेतृत्व में सहायक पुलिस आयुक्त कैन्ट का सहयोग प्राप्त किया गया। 

सिंचाई विभाग की खाली करायी गयी जमीन पर पिछले 25-30 वर्षों से अवैध कब्जा था, जिसको हटाने के लिए समय-समय पर प्रयास जारी था। सिंचाई विभाग एवं जिला प्रशासन के कड़े रूख के चलते यह जमीन खाली करायी जा सकी। इसी प्रकार कल भी सिंचाई विभाग की जमीन से कब्जा हटाया गया था। 

उल्लेखनीय है कि जलशक्ति मंत्री ने पूरे प्रदेश में सिंचाई विभाग की जमीनों तथा परिसम्पत्तियों पर किये गये अवैध कब्जे को हटाने के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाने के निर्देश दिये थे। इसी क्रम में सिंचाई विभाग की जमीनों पर किये गये अतिक्रमण की पैमाइश कराकर खाली कराये जाने की कार्यवाही की जा रही है।

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