दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा दिव्यांगजनों को निःशुल्क मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल उपलब्ध कराने हेतु नियमावली प्रख्यापित
लखनऊः 12 फरवरी, 2020
उत्तर प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा दिव्यांगजनों को निःशुल्क मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल उपलब्ध कराये जाने के लिए नियमावली प्रख्यापित की गई है।
अपर मुख्य सचिव दिव्यांगजन सशक्तीकरण श्री महेश गुप्ता ने बताया कि नियमावली का मुख्य उद्देश्य दिव्यांगजनों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ना है तथा निःशुल्क मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल प्रदान कर उनका आर्थिक व सामाजिक पुनर्वासन करना है। उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए 16 वर्ष से अधिक आयु के दिव्यांगजन पात्र होंगे तथा उनकी पारिवारिक वार्षिक आय 1.80 लाख रूपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
श्री गुप्ता ने बताया कि ऐसे व्यक्ति जो मस्क्यूलर, डिस्ट्रोफी, स्ट्रोक, सेरेब्रल पालिसी, हीमोफिलिया से ग्रसित हो तथा जिनकी मानसिक स्थिति अच्छी हो व हाथ से उपकरण चलाने में वह सक्षम हो और 80 प्रतिशत दिव्यांगता हो, ऐसे दिव्यांगजन ही पात्र होंगे।
इस योजना के अन्तर्गत अनुदान की अधिकतम धनराशि मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल का वास्तविक मूल्य या रू0 25,000 जो भी न्यूनतम हो, प्रति दिव्यांगजन अनुमन्य होगा। यदि मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल की कीमत रू0 25,000 से अधिक होती है तो अनुदान की अधिकतम धनराशि रू0 25,000 के अतिरिक्त आने वाले व्यय का भार स्वयं लाभान्वित होने वाले व्यक्ति द्वारा वहन किया जायेगा। इसकी भरपाई विधायक निधि/सांसद निधि/सी0एस0आर0 या अन्य किसी वित्त पोषण के माध्यम से भी की जा सकेगी। आपूर्तिकर्ता फर्म को यह धनराशि प्राप्त होने के बाद शासकीय अनुदान की धनराशि फर्म को विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जायेगी और मोटराइज्ड ट्राई साइकिल की आपूर्ति तद्नुसार सुनिश्चित की जायेगी।
आवेदन की प्रक्रिया आॅनलाईन होगी। अनुमन्य धनराशि ‘‘प्रथम आवक प्रथम पावक के सिद्धान्त‘‘ के आधार पर दी जायेगी। प्रत्येक जनपद के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 04 सदस्यीय समिति भी बनाई गई है, जिसमें अध्यक्ष जिलाधिकारी, सदस्य सचिव जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी, सदस्य के रूप में मुख्य चिकित्साधिकारी, उप-सम्भागीय परिवहन अधिकारी को सम्मिलित किया गया है। मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल के लिये चयनित 1/3 संख्या हाईस्कूल या उच्चतर कक्षाओं में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं के लिये निर्धारित की गई है। यह लाभ संस्थागत छात्रों को ही देय होगा।