बुद्धिशुद्धि यज्ञ के साथ अल्पकालीन कार्य बहिष्कार आन्दोलन शुरू करेगें निर्माण निगम के कर्मचारी अधिकारी
लखनऊ,14 फरवरी 2020। संयुक्त संघर्ष समिति, उ.प्र. राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड के तत्वावधान में आज से प्रदेश व्यापी वर्क टू रूल आन्दोलन के चैथे दिन संयोजक राज बहादुर सिंह ने ंआयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि आन्दोलन में धीरे धीरे महाप्रबंधक स्तर के अधिकारी भी शामिल हो रहे है। अपने हक की लड़ाई के लिए अधिकारी एवं कर्मचारियों ने 17 फरवरी से अल्पकालीन कार्य बहिष्कार शुरू किया जाएगा। इसकी शुरूआत मुख्यालय पर बुद्धिशुद्धि यज्ञ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत निगम को निजी कम्पनी के हवाले करने के लिए अभी काम लोक निर्माण विभाग को सौपा गया है। निगम के अधिकारी और कर्मचारी बहुत व्यथित है। उन्होंने कहा कि अधिकारी एवं कर्मचारियों ने तय किया है कि अगर सरकार ने इस पर पुर्नविचार नही किया तो अनिश्चित कालीन हड़ताल की घोषणा की जा सकती है।
संघर्ष समिति के सह संयोजक इं. संदीप कुमार सिंह, इं. मिर्जा फिरोजशाह, उमाकान्त, जागेष्वर प्रसाद, इं. नरेन्द्र कुमार, मुकेश चन्द्र, रविराज सिंह, इं. एस.डी. द्विवेदी, ए.के. गोस्वामी, इसहाक अली, सुरेन्द्र कुमार और आशीष कुमार ने बताया सरकार ने टाइम ओवर रन और कास्ट ओवर रन के चलते राजकीय निर्माण निगम के भवन निर्माण कार्यो सम्बंधी शासनादेश जारी किया है। जबकि जिन परियोजनाओं में टाइम ओवर रन और कास्ट ओवर रन की स्थिति सामने आई है उसकी उच्च स्तरीय जाॅच कराई तो लाल फीता शाही के कारण ही शासन दोषी साबित होगा। उन्होंने कहा कि 13 दिसम्बर 2019 को राजकीय निर्माण निगम से 50 करोड़ की अधिक लागत वाले भवन निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग को दिये जाने सम्बंधी शासनादेश जारी किया गया था लेकिन अब तक लोक निर्माण विभाग इस सम्बंध में एक भी स्वीकृति नही करा पाया। यही नही विगत तीन वर्षो में मात्र 200 करोड़ के मरम्मत सम्बंधी कार्य कराने वाले लोक निर्माण विभाग के पास भवन विग तक नही है ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि अच्छी तरह से मानक के परिपूर्ण कार्य करने वाले राजकीय निर्माण निगम से काम छीन कर सरकार एक चलते हुंए उपक्रम को बंद कराने पर क्यो उतारू है! उन्होंने यहाॅ तक कहा कि चंद नौकरशाह जिन्हें अभियंत्रण सम्बंधी परियोजनाओं का तर्जुबा नही वह एक चलायमान अभियंत्रण उपक्रम को फेल करने की साजिश रच रहे है। उन्होंने कहा कि एक सोची समझी रणनीति के तहत निर्माण निगम से काम लेकर लोक निर्माण विभाग को दिया है जिसके बाद यही काम निजी कम्पनियों से कराकर सरकारी उपक्रम को ठेकेदारों के हवाले कर दिया जाएगा। समिति के पदाधिकारी एस.पी. पाण्डेय, नान बच्चा तिवारी, शिवनन्दन प्रसाद वर्मा, राजेश कुमार चैहान, संतोष कुमार वर्मा, एस.पी. खण्डूरी, भजनलाल यादव, पी. एन. सिंह ने बताया कि निर्माण निगम के कर्मचारियों के आंदोलन की वजह से सरकार के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों की रफ्तार धीमी हो जाएगी। यही नही जिन परियोजनाओं की घोषणा सरकार कर चुकी है उनकों पूरा कराने में इस आन्दोलन की वजह से दो वर्ष से अधिक का समय समय बढ़ जाएगा।