राज्य स्तरीय इन्स्पायर अवार्ड प्रदर्शनी एवं प्रोजेक्ट प्रतियोगिता सम्पन्न
प्रतियोगिता में कुल 32 माॅडल राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता हेतु
वैज्ञानिकों की निर्णायक टीम द्वारा चयनित
उपमुख्यमंत्री ने प्रशस्ति पत्र व मेडल प्रदान करके प्रतिभागियों को किया सम्मानित
लखनऊः 01 फरवरी, 2020
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार माध्यमिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा आज यहां रानी लक्ष्मीबाई सीनियर सेकेण्ड्री स्कूल, सेक्टर-14, इन्दिरा नगर, लखनऊ में राज्य स्तरीय इन्स्पायर अवार्ड प्रदर्शनी एवं प्रोजेक्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में अपने माॅडल के साथ प्रदेश के विभिन्न जनपदों से कुल 207 छात्र/छात्राओं ने प्रतिभाग किया। इस प्रतियोगिता में कुल 32 माॅडल राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता हेतु वैज्ञानिकों की निर्णायक टीम द्वारा चयनित किया गया तथा चयनित प्रतिभागियों को उप मुख्यमंत्री,डाॅ0 दिनेश शर्मा तथा बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सतीश चन्द्र द्विवेदी ने प्रशस्ति-पत्र एवं मेडल प्रदान करके सम्मानित किया। प्रत्येक प्रतिभागी में हर्ष एवं उल्लास का भाव दिखायी दे रहा था। मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा व विशिष्ट अतिथि श्री सतीश चन्द्र द्विवेदी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षाविद् श्री जयपाल सिंह ने प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत माॅडल का अवलोकन किया तथा प्रतिभागियों से उनके द्वारा प्रस्तुत माॅडल के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की एवं उससे सम्बन्धित प्रश्न भी पूछे। प्रतिभागी बच्चों ने अपनी कुशाग्र बुद्धि का परिचय देते हुए मुख्य अतिथि द्वारा पूछे गये प्रश्नों का उत्तर देकर संतुष्ट किया। बच्चों के चेहरे पर आत्मविश्वास का भाव दिखाई दे रहा था।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश में इन्स्पायर अवार्ड योजना का क्रियान्वयन वर्ष 2009-10 से हो रहा है। योजनान्तर्गत प्रदेश के प्रत्येक विद्यालय के विज्ञान विषय में विशेष अभिरूचि रखने वाले कक्षा-6 से 10 तक के छात्र/छात्राओं को विज्ञान प्रोजेक्ट/माॅडल तैयार करने के लिए रू0 10,000/- की प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की जाती है।
उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने राज्य स्तरीय इंस्पायर अवार्ड प्रदर्शनी एवं प्रोजेक्ट प्रतियोगिता के चयनित प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर कहा कि बच्चों द्वारा इन्नोवेटिव और बहुत ही अच्छे मॉडल प्रस्तुत किया गया है, जो नए-नए आविष्कार और प्रयोग किए गए हैं इसके लिए मैं चाहूंगा कि इनमें से उत्कृष्ट कोटि के आविष्कारों का पेटेंट करवाया जाए। इसके बारे में क्या विधिक प्रक्रिया है, इसे कैसे लागू किया जा सकता है माध्यमिक व बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा इस पर विचार विमर्श करके निर्णय लिया जाएगा।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां मेधा शक्ति से परिपूर्ण विद्यार्थियों के मॉडल्स और प्रयोगों को देखने से भारत की युवा शक्ति का उज्जवल भविष्य दिख रहा है। यह युवाओं की शताब्दी है। 21वीं शताब्दी में भारत की युवा शक्ति पूरी तरीके से परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ेगी और देश को विश्व पटल पर आगे ले जाएगी और भारत विश्व का नेतृत्व करेगी। विद्यार्थी संपूर्ण विश्व में अपना नाम रोशन कर सकें इसके लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। प्रदेश सरकार द्वारा रोजगार परक शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार चाहती है कि बच्चे डिग्री धारक न बने बल्कि रोजगार धारक नौजवान बने। सरकार को इसकी चिंता है और इसके लिए रोजगार परक शिक्षा प्रणाली लागू किया गया है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में प्रदेश सरकार ने नकल विहीन परीक्षा कराकर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के गिरते ग्राफ के ऊपर उठाया है। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में हुए सकारात्मक परिवर्तन की वजह से ही दूसरे बोर्डों द्वारा उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, प्रयागराज को कॉपी करना शुरू कर दिया है। उन्होंने इस अवसर पर इंस्पायर अवार्ड में आए हुए सभी बच्चों को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और कहा कि मैं आशा करता हूं कि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में अधिक से अधिक छात्र उत्तर प्रदेश से चुने जाएंगें। मैं सभी छात्रों को कहना चाहता हूं कि लक्ष्य बनाकर चलें, जब तक लक्ष्य पूरा न हो जाए तब तक पूरी तन्मयता से अपने लक्ष्य की प्राप्ति में मेहनत करें।
उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि रट्टू तोता मत बनिए अपने कांसेप्ट क्लियर करिए। परीक्षा के समय तनाव मुक्त रहिए, जितना ही तनाव मुक्त रहेंगे, परिणाम उतना ही अच्छा आएगा। तनाव में रहने पर चीजें भूल जाती है।आत्मविश्वास के साथ परीक्षा की तैयारी करिए। अपने पर भरोसा रखें, आपकी परीक्षा बहुत अच्छी होगी।
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने इस अवसर पर कहा कि देश की प्रतिभा को महत्व दिया जाना बहुत जरूरी है। जिससे देश की प्रतिभा पलायन को रोका जा सके। सरकार युवा प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के लिए मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाएं लागू की है। देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है जरूरत है उनको अवसर देने और उनको आगे बढ़ाने की। बेसिक शिक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय स्तर के लिए चुनी गई प्रतिभाओं को शुभकामनाएं दी।
तत्पश्चात् डा0 सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह, शिक्षा निदेशक (बेसिक) व श्री विनय कुमार पाण्डेय, शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) ने विज्ञान के क्षेत्र में हुई राष्ट्रीय उपलब्धि की प्रगति पर प्रकाश डाला, विगत वर्ष चयनित प्रतिभागियों को जापान की शैक्षिक यात्रा के लिए दिए गए सुअवसर के विषय में भी बताया गया, साथ ही इस वर्ष के श्रेष्ठ माॅडलों के प्रतिभागियों को शुभकामना दी गयी तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि हमारे बच्चों में अपार सृजनात्मक क्षमता, अद्भुत कल्पना शक्ति एवं तार्किक प्रवृति विद्यमान है, वे अपने अकाट्य तर्को द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करके उच्चतम शिखर तक पहुॅंच सकते हैं।
पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक श्री विनय कुमार पाण्डेय, बेसिक शिक्षा निदेशक श्री सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह, माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं आरएलबी के संस्थापक, सहित हजारों विद्यार्थी उपस्थित थे।