शीरा सत्र 2019-20 के लिए शीरा नीति का निर्धारण
मंत्रिपरिषद ने वर्ष 2019-20 के लिए शीरा नीति का निर्धारण कर दिया है। ज्ञातव्य है कि आबकारी राजस्व का लगभग 50 प्रतिशत अंश देशी मदिरा से प्राप्त होता है। देशी शराब का उपभोग समाज के अल्प आय वर्ग द्वारा किया जाता है। इस वर्ग को गुणवत्ता तथा मानकयुक्त वैध देशी शराब सस्ते दामों पर उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है, क्योंकि सस्ते दामों पर वैध मदिरा उपलब्ध न होने की स्थिति में इनके द्वारा अवैध मदिरा का सेवन करने के कारण जनहानि की आशंका बनी रहती है। व्यापक जनहित एवं राजस्व हित में अपेक्षाकृत सस्ते दामों पर वैध व मानक मदिरा उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक है कि समस्त देशी मदिरा आपूर्तक आसवनियों को उनकी आवश्यकतानुसार समुचित मात्रा में शीरा उपलब्ध कराया जाए।
शीरा वर्ष 2019-20 में शीरे के अनुमानित उत्पादन 500 लाख कुण्टल के सापेक्ष देशी मदिरा हेतु आरक्षित शीरे की आवश्यकता 94.15 लाख कुण्टल आंकलित होती है। अतः शीरा सत्र 2019-20 हेतु देशी मदिरा के लिए 18 प्रतिशत शीरा आरक्षित करने तथा आरक्षित एवं अनारक्षित शीरे के मध्य वार्षिक निकासी अनुपात 1ः4.56 रखा गया है। चीनी मिलों के चलने के उपरान्त यथा स्थिति/यथा आवश्यकता तत्समय शीरे की उपलब्धता एवं मदिरा की आवश्यकता के आधार पर आरक्षण के प्रतिशत में परिवर्तन किया जा सकेगा।
शीरे के कुल उत्पादन के आधार पर सभी चीनी मिलों पर आरक्षित शीरे की देयता को समान रूप से निर्धारित किया गया है। समूह की चीनी मिलें उपरोक्तानुसार देय आरक्षण प्रतिशत के अनुरूप आरक्षित शीरे की आपूर्ति समूह की एक या एकाधिक चीनी मिलों से कर सकेंगी। देशी शराब की आपूर्ति बाधित होने पर यह सुविधा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी जाएगी।
पूर्वांचल में स्थित पेय आसवनियों की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए इन आसवनियों को समूह की चीनी मिलों द्वारा पूर्वांचल स्थित कम से कम एक चीनी मिल से आरक्षित शीरे की आपूर्ति करना अनिवार्य होगा।
वर्ष 2018-19 का अवशेष आरक्षित शीरा अग्रेनीत किया जाएगा। वर्ष 2018-19 की उपलब्ध आरक्षित शीरे की अग्रेनीत मात्रा को अनारक्षित/स्वयं के उपभोग हेतु परिवर्तन करने की अनुमति इस शर्त के साथ प्रदान की गयी है कि चीनी मिलें उक्त परिवर्तित मात्रा की भरपाई शीरा सत्र 2019-20 के उत्पादन से करेंगी तथा यह मात्रा शीरा नीति 2019-20 हेतु देय आरक्षित मात्रा के अतिरिक्त होगी।
प्रत्येक चीनी मिल आगणित आरक्षित एवं अनारक्षित शीरे के विक्रय हेतु प्रत्येक माह की 7वीं तिथि तक आॅनलाइन शीरा पोर्टल पर टेण्डर अपलोड करेगी। प्रत्येक मासान्त पर चीनी मिल समूह को अपने कुल वार्षिक देय आरक्षित शीरे का कम से कम 06 प्रतिशत शीरे का सम्भरण सुनिश्चित कराना होगा। पेराई सत्र (माह नवम्बर, 2019 से अप्रैल, 2020 तक) के दौरान शीरे की ओवरफ्लो की स्थिति से बचने हेतु चीनी मिलों को शीरा वर्ष 2019-20 में माह नवम्बर, 2019 से अप्रैल, 2020 तक इस शर्त में शिथिलता दी जा सकती है कि माह जून, 2020 तथा माह अगस्त, 2020 तक कुल देयता का क्रमशः 65 प्रतिशत तथा 82 प्रतिशत सम्भरण सुनिश्चित करना होगा।
यदि मदिरा निर्माता आसवनी अन्य पेय मदिरा/मिश्रित/औद्योगिक आसवनी से ई0एन0ए0 मदिरा निर्माण के लिए प्राप्त करेंगी तो ऐसी ई0एन0ए0 (म्गजतं छमनजतंस ।सबवीवस) की सम्पूर्ण मात्रा की आपूर्ति होने के तत्काल बाद समतुल्य आरक्षित शीरे की मात्रा आपूर्तक इकाई की आरक्षित शीरे में जुड़ जाएगी तथा प्राप्तकर्ता इकाई के आरक्षित शीरे की मात्रा में से घट जाएगी।
लघु औद्योगिक इकाइयां/क्रेता इकाइयां/ट्रेडर्स विभाग में पंजीकरण कराने के पश्चात जी0एस0टी0एन0 के विवरण सहित शपथ पत्र प्रस्तुत करने पर ही बिलो गे्रड शीरा क्रय कर सकेंगी। टेªडर्स द्वारा 500 कुण्टल तक बिलो गे्रड शीरा क्रय किया जा सकेगा तथा 500 कुण्टल से अधिक बिलो गे्रड शीरा उपभोक्ता इकाइयां (मदक नेमते) स्वयं क्रय करेंगी।
शीरा संचित करते समय सभी चीनी मिलों द्वारा प्रदूषण नियंत्रण सम्बन्धी प्राविधानों/उपबंधों का अनुपालन किया जाएगा।