धन आवश्यक है अनिवार्य नहीं - मुनिश्री





 पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव - 12 नवम्बर को घटयात्रा, ध्वजारोहण होगा 


ललितपुर। 

मड़ावरा श्री वर्णी जी की कर्मस्थली और धर्मनगरी मड़ावरा में चर्याशिरोमणि आचार्यश्री विशुद्धसागर जी महाराज के परम प्रभावक सुयोग्य शिष्य  मुनिश्री श्रमण सुप्रभसागर जी महाराज मुनिश्री श्रमण प्रणतसागर जी महाराज ससंघ के मंगल सन्निध्य में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में पाषाण से परमात्मा बनाने की समस्त मांगलिक क्रियाएं 12 नवम्बर 2019 से 17 नवम्बर 2019 तक समस्त मांगलिक क्रियाएं की जायेगी ।

18 नवम्बर को होगा पूज्य द्वय मुनि श्रमण का पिच्छी परिवर्तन के ससंघ सान्निध्य में 12 नवम्बर से श्री मज्जिनेंद्र पंचकल्याणक, जिनबिंब प्रतिष्ठा विश्वशांति महायज्ञ एवं गजरथ महोत्सव का शुभारंभ होने जा रहा है। इसके अंतर्गत 12 नवम्बर, मंगलवार को घटयात्रा, ध्वजारोहण होगा समापन पर 17 नवम्बर 2019 को त्रय गजरथ परिक्रमा निकलेगी जायेगी।

इसके अंतर्गत प्रतिष्ठाचार्य वाणीभूषण राजकिंग जी भैया अशोकनगर के निर्देशन में 12 से 17 नवम्बर तक गर्भकल्याणक पूर्व रूप, गर्भकल्याणक उत्तर रूप, जन्म कल्याणक, तपकल्याणक, ज्ञानकल्याणक, मोक्ष कल्याणक की क्रियाएं होगी। महामहोत्सव के मीडिया प्रभारी प्रियंक जैन सरार्फ एवं उमेश जैन नैकोरा ने बताया कि 12 नवम्बर मंगलवार को दोपहर में 1 बजे घटयात्रा श्री महावीर विद्याविहार  से शुरू होगी जिसमें श्रावक पीले वस्त्र पहन कर श्री जी के साथ तथा केसरिया रंग के वस्त्रआभूषण के साथ सिर पर मंगल कलश रखकर प्रमुख मार्गों से मैन बाजार से होते हुए पेट्रोल पम्प के पास  पंचकल्याणक स्थल वी सी जैन साहब के प्रांगण पहुंचेगी। जहां मंडप प्रतिष्ठा, इंद्र प्रतिष्ठा, पात्र शुद्धि, सकलीकरण के बाद मुनिसंघ के मंगल प्रवचन होंगे।

      मुनि श्री ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि व्यक्ति धर्म से ज्यादा महत्व धन को दे रहा है। धन आवश्यक है अनिवार्य नहीं। न्याय नीति के साथ अर्जन किए धन में संतोष धारण कर जीवन के लक्ष्य को हमेशा याद रखना चाहिए। जिसमें जैन युवा जागृति संघ वर्णी व्यायाम शाला स्वस्ति महिला मंडल बालिका मंडल आदि समस्त सेवा दलो का सहयोग मिल रहा है

 

 


 


 




 

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