विधि छात्र-छात्राओं को अपने दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए -न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव

लखनऊ: विधि के छात्र-छात्राओं को ज्ञान के साथ व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करना इस कार्यक्रम का उद्देश्य है। अधिवक्ता बनने से पहले छात्रों को मेहनत एवं ईमानदारी से कार्य करने पर सफलता प्राप्त की जा सकती है। विधि के छात्रों को अपने दायित्वों का पूरी तरह से निर्वहन करना चाहिए। यह विचार इलाहाबाद उच्च न्यायालय के खण्डपीठ लखनऊ के न्यायमूर्ति श्री राकेश श्रीवास्तव ने व्यक्त किये। श्री श्रीवास्तव आज इन्दिरा भवन लखनऊ में राज्य लोक सेवा अधिकरण द्वारा विधि छात्रों के त्रिसाप्ताहिक के समापन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान बदलते दौर में विधि छात्रों की न्याय व्यवस्था को प्रभावी रूप से संचालित करने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। विधि छात्रों को न्यायमूर्ति श्री अनिरूद्ध सिंह, न्यायमूर्ति श्री एन0के0 जोहरी, अवध बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डाॅ0 एल0पी0 मिश्रा, शासकीय अधिवक्ता श्री हेमन्त श्रीवास्तव, न्यायमूर्ति श्री सुधीर सक्सेना तथा निबंधक श्रीमती प्रतिमा श्रीवास्तव ने भी संबोधित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर राज्य लोक सेवा अधिकरण के न्यायिक अधिकारी सहित बड़ी संख्या में विधिक के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।


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