वर्ल्ड एनआरआई मिशन की यूपी शाखा   ने आयोजित की गोष्ठी  फिर से बने देश के प्रधानमंत्री मोदी 

 

लखनऊ। वर्ल्ड एनआरआई मिशन की यूपी शाखा के तत्वावधान में आज महिला दिवस मनाया गया। जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को एक बार  फिर देश की बागडोर सौंपे जाने की बात कही गयी।  संगोष्ठी में महिलाओं के योगदान पर विशेष चर्चा की गयी। महिला वक्ताओं ने कहा कि जब से देश की बागडोर नरेन्द्र मोदी जी के हाथ में आई है। तब से देश में उनका सम्मान बढा है। चाहे वह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज हो अथवा रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की बात हो। 

संगोष्ठी के दौरान महिला वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि समाज बिना महिलाओं के सहयोग के आगे बढ नहीं सकता। अगर सीता का त्याग न होता तो राम मर्यादा पुरूषोत्तम न कहलाते, अगर उर्मिला का त्याग न होता तो लक्ष्मण का महत्व न होता। इसी तरह कई क्षेत्रों में तो महिलाएं पुरुषो  से भी आगे हैं। मुख्य अतिथि श्रीमती भावना चौहान ने कहा कि महिलाओं के योगदान पर जितनी भी चर्चा की जाए वह कम है। वह घर से लेकर बाहर तक अपनी हर तरह की जिम्मेदारी निभाती हैं ।   संस्था की यूपी इकाई के अध्यक्ष गजेन्द्र त्रिपाठी ने कहाकि भारत को सशक्त राष्ट्र बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है। परन्तु बिना महिलाओं के कंधे से कंधे मिलाए यह कार्य असम्भव है। उपाध्यक्ष सुषमा श्रीवास्तव ने कहा कि किसी भी बच्चे की पाठशाला की पहली शिक्षक तो मां ही होती है। 

कार्यक्रम की संयोजिका व संस्था की महिला इकाई की अध्यक्ष नीरजा  मिश्रा ने कहा कि आदिकाल से ही महिलाओं का योगदान देश में रहा है। जो आधुनिक काल में भी साफ दिख रहा है। राष्ट्र निर्माण में महिलाएं अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। संगोष्ठी में कई महिला अधिवक्ता शिक्षिकाएं तथा डाक्टर शामिल थी। इनमें  अर्चना सिंह तोमर, शशि मिश्रा, डा ममता, डा नीता सक्सेना, अमृता पाण्डेय, नीलम तिवारी, किरन सिंह, नीना मेहरोत्रा, सुधा सिंह आदि  थी। कार्यक्रम का संचालन प्रेरणा नीरज ने किया। 

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?