सामूहिक विवाह समारोह से लगता है फ़िज़ूलखर्ची पर अंकुश: सुनील राजपूत
महिला दिवस पर 8 नवदम्पतियों ने थामा एक दूसरे का हाथ
आगरा। सर्वजातीय विकलांग कल्याण समिति के द्वारा 14वाँ सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन प्राथमिक स्कूल बलहेरा गाँव पर किया गया। जिसमें 8 जोड़ो ने एक दूसरे का हाथ थाम जीवन भर साथ निभाने का वादा किया। कार्यक्रम में नवनियुक्त ज़िला मंत्री डॉ सुनील राजपूत का भव्य स्वागत किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के नवनियुक्त ज़िला मंत्री डॉ सुनील राजपूत रहे व कार्यक्रम का शुभारम्भ लोधी निषाद बिंद कश्यप समिति के अध्यक्ष डॉ लेखराज ने किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ भगवान गणेश की प्रतिमा पर मुख्य अथिति डॉ सुनील राजपूत ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ सुनील राजपूत ने कहा कि सर्वजातीय विकलांग कल्याण समिति विगत चौदह वर्षों से निर्धन दिव्यांग कन्याओं का दहेज रहित सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन करती आ रही है। नव- दम्पत्तियों का गृहस्थी का सारा सामान समिति की ओर से उपहार स्वरूप दिया जाता है जिससे कि वह अपने नव- जीवन का शुभारम्भ हर्षोंउल्लास से कर सके। उन्होंने कहा कि समाज में दहेज जैसी कुरीति से लड़ने के लिए एसे आयोजनों का होना नितांत आवश्यक है। समाज के उच्च वर्ग को भी एसे आयोजनों में बढ़चढ कर हिस्सा लेना चाहिए।सामूहिक विवाह समारोह के आयोजनों से ही समाज से दहेज रूपी कुरीति का अंत किया जा सकता है साथ ही फिजूल खर्चों को भी रोक कर उन पैसों से बेटीओ की शिक्षा पर खर्च कर उनको आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। समिति सचिव रमेश चन्द पहलवान ने कहा कि वर्तमान में समाज में सामूहिक विवाह समारोह खासकर निर्धन परिवारों के लिए अति आवश्यक है क्योंकि इनसे ना केवल दहेज व फिजूल खर्ची पर नियंत्रण लगता है। बल्कि एसे कार्यक्रमों से निर्धन परिवारों के युवक युवतियों के मनोबल में भी बढ़ोतरी होती है। डॉ लेखराज ने कहा कि सामूहिक विवाह समारोह के आयोजनों से ही दहेज रूपी दानव का अंत किया जा सकता है। सर्व समाज के लोगों को इसमें आगे आकर सहयोग करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन वीरेन्द्र राजपूत व पवन चौधरी ने किया। नव-दम्पत्तियों को आशीर्वाद देने वालों में प्रमुख रूप से डॉ सी पी गुप्ता, शिवानी गुप्ता, ममता गोयल,वीरेन्द्र राजपूत, पवन चौधरी, नरेश राजपूत,सोबरन सिंह लोधा,पीतम सिंह लोधी,ओमप्रकाश प्रधान, राजेंद्र प्रधान, मनीष राजपूत, देशराज सिंह ,प्रभुदयाल उपाध्याय, ओमप्रकाश शर्मा, वीजेंद्र सिंह, नरेंद्र सिंह प्रधान, संतोष लोधी, पीतम लोधी, हरीओम लोधी, भगवान दास, मूलचंद, गोपीचंद आदि प्रमुख रूप से रहे।