राजभाषा संगोष्ठी एवं कार्यशाला संपन्न
पत्र सूचना कार्यालय, क्षेत्रीय कार्यालय, पूर्व मध्य क्षेत्र लखनऊ द्वारा एवं मंत्रालय के प्रादेशिक लोक संपर्क ब्यूरो लखनऊ द्वारा आज दिनांक 28 मार्च 2019 को केंद्रीय भवन स्थित सभागार में वर्ष की अंतिम तिमाही से संबंधित राजभाषा संगोष्ठी एवं कार्यशाला आयोजित की गई।
उक्त कार्यशाला में प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह यादव, विभागाध्यक्ष हिंदी, डॉ शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वास विश्वविद्यालय, डॉ नरेश मोहन पूर्व राजभाषा अधिकारी, एचएएल, डॉ शंभू नाथ, सचिव नराकास, श्री नसीर अहमद, हिंदी अनुवादक भारत तिब्बत सीमा पुलिस, श्री अरिमर्दन सिंह, अपर महानिदेशक एवं विभाग के अन्य अधिकारी एवं स्टाफ मौजूद रहे।
संगोष्ठी के दौरान विषय विशेषज्ञों ने राजभाषा के सरकारी कार्यालयों में अधिकाधिक प्रयोग एवं राजभाषा विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं एवं प्रयासों की चर्चा की। वहीं कार्यशाला में पधारे नराकास सचिव डॉ शंभू नाथ ने नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की अर्धवार्षिक बैठकों में कार्य प्रमुखों की अनिवार्य भागीदारी हर तिमाही में कार्यालय राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक एवं कार्यशाला के अनिवार्य रूप से आयोजन के साथ ही तिमाही रिपोर्ट ऑनलाइन बेचने पर बल दिया।
इस मौके पर प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह यादव ने राजभाषा हिंदी के विकास में सहायक एवं बाधक विभिन्न प्रवृत्तियों पर प्रकाश डाला। वहीं नरेश मोहन ने राजभाषा हिंदी के प्रयोग संबंधी तमाम व्यवहारिक पक्ष एवं कंप्यूटर आदि में हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग पर विस्तार से चर्चा की तथा हिंदी की देवनगरी वर्तनी में शब्द संयोजन, वाक्य रचना, पत्र परिचय एवं टिप्पणी लेखन आदि की बारीकियों को विस्तार से बताया। अंत में अपर महानिदेशक श्री अरिमर्दन सिंह ने कार्यालय में हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग एवं उस में आने वाली कठिनाइयों पर विस्तार से चर्चा की।