<no title>भगवान अयप्पा मंदिर का 20वां प्राण प्रतिष्ठा समारोह

लखनऊ  भगवान अयप्पा मंदिर का 20वां प्राण प्रतिष्ठा समारोह 17 से 22 मार्च तक गोमती नगर विनीत खंड स्थित मंदिरपरिसर में मनाया जाएगा। इस समारोह के लिए खासातौर से केरल से तंत्री पुजारी ब्रह्मश्री केशवन नम्बूदरी को आमंत्रित किया गया है। 


मंदिर समिति के अध्यक्ष के.के.जे.नाम्बियार ने बताया कि भगवान अयप्पा, शिव और मोहिनी का पुत्र हैं। मोहिनी विष्णु की अवतार हैं।केरल के सबरिमलय में भगवान अयप्पा का मुख्य मंदिर है। भगवान अयप्पा के अस्त्र धनुष-बाण और वाहन, घोड़ा, तेंदुआ, बाघ, सिंह, हाथी हैं। भक्त उनकी वंदना स्वामी शरणम अयप्प मंत्र से करते हैं। नाम्बियार ने बताया कि रविवार 17 मार्च को दोपहर 3 बजे भंडार मेंदान के लिए “कलवारा निरक्कल” अनुष्ठान होगा। स्थल शुद्धि के बाद वास्तु बली, वास्तु हवन, वास्तु कलश पूजन, रक्षोगना हवन, वास्तुपुण्याहम, अष्ट्र कलश पूजा, संध्या पूजा होगी। इस क्रम में सोमवार 18 मार्च की सुबह 5ः30 बजे महा गणपति हवन, उषा पूजा, मध्यानपूजा, महादीपाराधना होगी। महादीप अराधना में 51 दीपों से विशेष आरती की जाएगी। शाम 5ः30 बजे दीप अराधना के बाद ध्वजारोहणहोगा। खास तौर से केरल से लाये गए मानवाकृति का ध्वज 10 फिट ऊंचे ध्वज स्तंभ पर लगाया जाएगा। सामूहिक नाग पूजा के बाद रात्रिपूजा की जाएगी। भक्त नाग पूजा सहित अन्य अनुष्ठान की बुकिंग करा सकते हैं। मंगलवार 19 मार्च को सुबह 5ः30 बजे महागणपतिहवन, उषा पूजा, श्रीभूतबली की पूजा के बाद पंच गव्य गाय के दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर अर्पित कर कलश पूजा की जाएगी। गणपतिऔर श्रीराम मंदिर में कलश अभिषेक की पूजा की जाएगी। इस क्रम में देवी मंदिर और लार्ड अयप्पा मंदिर में कलशाभिषेकम के बादमध्यान पूजा और महादीपाराधना की जाएगी। शाम 5ः30 बजे श्रीभूतबली पूजा, दीपाराधना के बाद देवी मंदिर में सहस्त्र नाम आदि पूजाकी जाएगी। बुधवार 20 मार्च को सुबह 5ः30 बजे महागणपति पूजा, उषा पूजा, कलश पूजा की जाएगी। शिव मंदिर में यह पूजन 25 कलशों से सम्पन्न होगा। 


भगवान अयप्पा मंदिर में पूजन के बाद भगवान श्रीराम का पूजन किया जाएगा। मध्यान पूजन के बाद महादीपाराधना की जाएगी। शाम5ः30 बजे भूतबली पूजन के बाद दीपाराधना के बाद देवी मंदिर में पूजन किया जाएगा। उसी दिन शाम को समाज के बच्चे सांस्कृतिककार्यक्रम पेश करेंगे। मुख्य आयेाजन गुरुवार 21 मार्च को होगा। उस दिन सुबह 5ः30 बजे से महागणपति पूजन के बाद ऊषा पूजा, श्रीभूतबली के पूजन के बाद भद्र काली मंदिर में 25 कलशों का पूजन सम्पन्न करवाया जाएगा। एक कलश का पूजन हनुमान मंदिर औरभगवान अयप्पा मंदिर में 108 कलशों का पूजन किया जाएगा। महादीपाराधना के बाद दोपहर 1ः30 बजे से अन्नदानम-भंडारा होगा।शाम 5ः30 बजे श्रीभूतबली का पूजन, दीपाराधना, भगवती सेवा, भद्रकाली पूजा की जाएगी। शाम 7ः30 बजे गुरुथी पूजन के माध्यम सेबुरी आत्माओं से मुक्ति की प्रार्थना की जाएंगी। अंतिम दिन शुक्रवार 22 को महागणपति हवन, उषा पूजा, श्रीभूतबली पूजा, महादीपाराधनाके बाद ध्वजावरोहण कर समारोह को विराम दिया जाएगा। चूड़ा, खील, गुड़, घी, अनार, नारियल और मिश्री से तैयार खास प्रसाद कावितरण किया जाएगा।


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