गोमाता कलयुग रूपी संसार के पार जाने का उचित साधनः आचार्य श्री दीक्षित जी महाराज

 

भोपाल। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान सप्ताह के चतृर्थ दिवस को पूज्य आचार्य श्री नवलेष दीक्षित जी महाराज ने कथा के मर्म को समझाते हुए कहा कि गोमाता कलयुग रूपी संसार से पार जाने का उचित साधन है। किंतु हम अपनी ही गलतीयों के कारण आज गोमाता को लुप्त करते जा रहे है। हमें कुछ ऐसे प्रयास करना चाहिये कि गोमाता को बचा सके।

मर्मीक प्रसंग को आगे समझाते हुए आचार्य श्री ने कहा कि एक पिता पूरे परिवार को संभालता है किंतु अकेली एक बेटी आपने पिता को संभाली है। किंतु आज जन्म से पहले ही कन्या को मार दिया जा रहा है। 

आचार्य श्री ने कहा कि कन्या हत्या घोर पाप है जो ऐसा करता है उसे नरक में बहुत यातनाये दी जाती हैं। और निवेदन भी किया की कन्या हत्या न हो और न होने देवें। 

साथ ही आज कथा प्रसंग में राम जन्ममहोत्सव तथा कृष्ण जन्ममहोत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। 

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