1 of 1,693 फैजाबाद व सुल्तानपुर के गठबन्धन प्रत्याशियों के खिलाफ उठ रही आवाज

लखनऊ। सपा-बसपा-रालोद गठबन्धन उत्तर प्रदेश की सामाजिक न्याय की पृष्ठ भूमि वाले प्रदेश में जातिगत समीकरण को साधने में असफल दिख रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी ने तो उत्तर प्रदेश की कई बड़ी आधार वाली जातियों को टिकट वितरण में प्रतिनिधित्व नहीं दिया है। जिससे बसपा के प्रति लोगों में काफी नाराजगी उत्पन्न होती दिख रही है। बसपा से एक मात्र अतिपिछड़े को सलेमपुर से उम्मीदवारी दी गई है। उ0प्र0 के जातिगत समीकरण में कुर्मी, यादव, जाट, लोधी, निषाद, कुशवाहा, मौर्य, शाक्य, बिन्द, किसान आदि निर्णायक स्थिति मंे हैं। बसपा ने कुशवाहा के अलावा किसी भी अतिपिछड़े निषाद, लोधी, किसान, बिन्द, पाल, प्रजापति, कश्यप को टिकट नहीं दिया।

दूसरी तरफ गठबन्धन की साझेदार सपा जातिगत समीकरण को साधने के प्रयास मंे जुटी हुई है लेकिन यहां भी जातिगत समीकरण सधता नहीं दिख रहा है। अब तक सपा ने जो अपने उम्मीदवार घोषित किये हैं, उसमें अतिपिछड़े वर्ग की बिन्द, पाल, किसान, कुशवाहा जाति के एक-एक उम्मीदवार बनाये हैं। सपा से भी अभी तक किसी लोधी, मल्लाह, राजभर, चैहान को उम्मीदवार नहीं बनाया गया। पार्टी सूत्रों की माने तो चन्दौली से राजभर या चैहान, बलिया से राजभर व इलाहाबाद से मल्लाह को उम्मीदावारी दी जा सकती है। 

सपा ने फैजाबाद से जिस आनन्द सेन को उम्मीदवार बनाया गया है। उन पर विधि छात्रा शशि पासी की हत्या कराने का आरोप है। उच्चतम न्यायालय मंे मामला विचाराधीन है। सेन को सपा उम्मीदवार बनाने से दलितो में तो खासी नाराजगी देखी जा रहा है। दूसरी तरफ यह चर्चा है कि अखिलेश दागियों से परहेज की बातें करते हैं। आखिर दागदार आनन्द सेन को उम्मीदवार कैसे बना दिया गया। यहां से इनकी भाभी प्रियंका सेन भी टिकट की मजबूत दावेदार रहीं है। इनके पति आगरा में डीआईजी पद पर पदस्थ हैं। आनन्द सेन की उम्मीदवारी से क्षेत्र में विरोध के स्वर उठने शुरू हो गये हैं। शशि की बहन अनीता पासी व सीमा आज़ाद की बहन बिमलेश आजाद ने दलित स्वाभिमान के मुद्दे पर सपा प्रत्याशी का विरोध करने की घोषणा किया है। 

सुल्तानपुर से बसपा के घोषित बाहुबली चन्द्रभद्र सिंह उर्फ मोनू सिंह के खिलाफ पिछड़े- दलित वर्ग मंे खासी नाराजगी है। इन पर दर्जनों हत्याओं का आरोप है। 25 अक्टूबर 2010 को मझवारा निवासी कानूनगो राम कुमार यादव की हत्या में भी ये आरोपी हैं। कानूनगो राम कुमार की पत्नी श्रीमती कमला यादव प्रधान शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) की घोषित प्रत्याशी हैं। आज चर्चा है कि यहां मुख्य लड़ाई कांग्रेस के डाॅ0 संजय सिंह व कमला यादव के बीच होगा।  यादव, दलित के साथ-साथ अतिपिछड़े भी बसपा प्रत्याशी से के विरूद्ध एकजुट हो रहे हैं। फैजाबाद के प्रत्याशी आनन्द सेन की जगह प्रियंका सेन चुनाव जीत सकती हैं। यदि सुलतानपुर व फैजाबाद के प्रत्याशियों में बदलाव नहीं हुआ तो गठबन्धन को दोनों सीटों पर हार का मुह देखना पडे़गा। ऐसी क्षेत्र में चर्चा आम है।

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