परीक्षाओं की शुचिता, पवित्रता, गुणवत्ता, पारदर्शिता, विश्वसनीयता के लिए अधिकारियों को सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि राज्य सरकार नकलविहीन परीक्षाएं सम्पन्न कराने के लिए प्रतिबद्ध है। परीक्षाओं की शुचिता, पवित्रता, गुणवत्ता, पारदर्शिता, विश्वसनीयता के लिए अधिकारियों को सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि नकलविहीन परीक्षा कराने से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाए। किसी भी परीक्षा केन्द्र पर नकल पाए जाने पर सम्बन्धित जिला अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, प्रधानाचार्य तथा केन्द्र अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होंगे। डिबार परीक्षा केन्द्रों को दोबारा परीक्षा केन्द्र न बनाया जाए। नकल माफिया एवं अन्य नकल कराने वालों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि जिला विद्यालय निरीक्षक स्वयं संवेदनशील केन्द्रों का भ्रमण कर निरीक्षण करें।
मुख्यमंत्री जी ने यह निर्देश आज यहां 07 फरवरी, 2019 से प्रारम्भ हो रही हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट बोर्ड परीक्षाओं के सम्बन्ध में समस्त जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों, जिला विद्यालय निरीक्षकों आदि के साथ एक वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में दिए। हाईस्कूल की परीक्षा 28 फरवरी, 2019 को तथा इण्टरमीडिएट की परीक्षा 02 मार्च, 2019 को समाप्त होगी। वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे तथा राज्याधीन सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति और रजिस्ट्रार भी वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से जुड़े हुए थे। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की परीक्षाएं भी 10 अप्रैल, 2019 तक अवश्य सम्पन्न करा ली जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि परीक्षा केन्द्र के बाहर समाज विरोधी तत्वों अथवा वाह्य व्यक्तियों को एकत्र न होने दें। इसके लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 लागू करने के साथ सभी अन्य एहतियाती उपाय किए जाएं। परीक्षा केन्द्रों के आसपास 100 मीटर की परिधि में आवश्यकता पड़ने पर निषेधाज्ञा लागू की जाए। शान्ति व्यवस्था बनाए रखने तथा केन्द्रों पर अवांछित भीड़ न इकट्ठा होने देने का कार्य उपजिलाधिकारियों/नगर मजिस्ट्रेटों/कार्यकारी मजिस्ट्रेटों को दिया जाए, जो पुलिस दल के साथ अपने क्षेत्र के परीक्षा केन्द्रों का नियमित दौरा करें। परीक्षा केन्द्रों के पास ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग प्रतिबंधित कर दिया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि परीक्षार्थियों को किसी भी प्रकार के शस्त्र आदि लेकर परीक्षा स्थल पर आने की अनुमति न दी जाए। परीक्षा केन्द्रों के बाहर समाज विरोधी तत्वों एवं नकल में संलिप्त बाहरी व्यक्तियों पर अंकुश लगाने के लिए केन्द्रों पर सशस्त्र बल की व्यवस्था करायी जाए। अतिसंवेदनशील परीक्षा केन्द्रों पर आवश्यकतानुसार एस0टी0एफ0 तैनात कर नकलविहीन परीक्षाएं सम्पादित करायी जाएं। संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील परीक्षा केन्द्रों पर अनियमितता रोकने केे लिए आवश्यकतानुसार केन्द्र व्यवस्थापक/जिला विद्यालय निरीक्षक एल0आई0यू0 से निगरानी हेतु जिला प्रशासन को अवश्य सूचित करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि परीक्षा केन्द्रों के औचक निरीक्षण के दौरान वाॅयस रिकाॅर्डर युक्त सी0सी0टी0वी0 कैमरा के प्रभावी रूप से कार्य करने की जांच अवश्य की जाए। संवेदनशील एवं अति संवेदनशील परीक्षा केन्द्रों पर वाॅयस रिकाॅर्डर युक्त सी0सी0टी0वी0 रिकाॅर्डिंग की जांच नियमित रूप से अवश्य की जाए। परीक्षा केन्द्र परिसर के अंदर मोबाइल फोन, कैलकुलेटर अथवा ऐसी कोई भी इलेक्ट्राॅनिक डिवाइस, जिसे अनुचित साधन के रूप में प्रयोग की आशंका हो, ले जाने की अनुमति कदापि न दी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संवेदनशील जनपदों में परीक्षा केन्द्रों के निरीक्षण हेतु जिला विद्यालय निरीक्षक एक पेट्रोलिंग टीम का गठन करें। परीक्षा केन्द्र पर नियुक्त कक्ष निरीक्षक पहचान पत्र सहित आधार कार्ड के साथ कक्ष निरीक्षक का कार्य करते हुए नकलविहीन परीक्षाएं सम्पादित कराएं। किसी भी दशा में विषय से सम्बन्धित अध्यापक अपने विषय से सम्बन्धित परीक्षाओं में कक्ष निरीक्षक का कार्य नहीं करें। परीक्षा केन्द्रों के निरीक्षण के दौरान सचल दल अधिकारी यह विशेष रूप से ध्यान रखें कि शान्तिपूर्वक परीक्षा दे रहे किसी भी परीक्षार्थी को अनावश्यक परेशानी न हो, और न ही उन्हें किसी प्रकार से भयभीत किया जाए।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, पुलिस महानिदेशक श्री ओ0पी0 सिंह, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी, प्रमुख सचिव गृह श्री अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल सहित माध्यमिक शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि वर्ष 2019 की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षा में क्रमशः 31,95,603 तथा 26,11,319 कुल 58,06,922 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। वर्ष 2018 की तुलना में इस वर्ष हाईस्कूल की परीक्षा में 5,09,993 तथा इण्टरमीडिएट की परीक्षा में 4,05,913 कुल 9,15,846 परीक्षार्थियों की कमी हुई है। इस वर्ष की परीक्षा हेतु 409 राजकीय, 3372 सवित्त तथा 4573 वित्तविहीन कुल 8354 विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र निर्धारित किया गया है। गत वर्ष बनाए गए 8,549 परीक्षा केन्द्रों के सापेक्ष इस वर्ष 195 परीक्षा केन्द्र कम बनाए गए हैं। हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षाओं के सभी 8,354 परीक्षा केन्द्रों पर सी0सी0 टी0वी0 एवं वाॅयस रिकाॅर्डर लगा दिए गए हैं।
प्रदेश में कुल 1,314 संवेदनशील परीक्षा केन्द्र तथा 448 अतिसंवेदनशील परीक्षा केन्द्र चिन्हित किए गए हैं। परीक्षा केन्द्रों के निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण हेतु सभी जनपदों में सचल दलों का गठन किया जा चुका है। परीक्षा केन्द्रों के सघन निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण हेतु अपर मुख्य सचिव (माध्यमिक शिक्षा) द्वारा मण्डलवार 18 अधिकारियों के राज्यस्तरीय सचल दलों का गठन किया गया है। परीक्षा संचालन के सम्बन्ध में जिला अधिकारियों की अध्यक्षता में समस्त जनपदों में बैठक आयोजित की जा चुकी है।
जनसामान्य द्वारा परीक्षा सम्बन्धी दी जाने वाली आपत्तियों अथवा सुझावों को प्राप्त करने हेतु एक ई-मेल आई0डी0 नचइवंतकमगंउ2019/हउंपसण्बवउ बनायी गयी है। जनपदीय शिक्षा अधिकारियों, निरीक्षण अधिकारियों, पर्यवेक्षकों, परिषद के अधिकारियों तथा शासन-प्रशासन के अधिकारियों के मध्य परीक्षा सम्बन्धी दिशा-निर्देशों के त्वरित आदान-प्रदान हेतु एक व्हाॅट्सएप ग्रुप नचइवंतकमगंउ2019 बनाया गया है। सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों, मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों एवं अन्य सभी अधिकारियों को इससे जोड़ा जा रहा है। परीक्षा सम्बन्धी किसी भी प्रकार की सूचना के आदान-प्रदान हेतु माध्यमिक शिक्षा परिषद कार्यालय में कण्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है। यह चैबीसों घण्टे कार्य करेगा। कण्ट्रोल रूम के फोन नम्बर, 0532-2622767, 0532-2623182 तथा 0532-2623139 हैं। शिकायतों के लिए लखनऊ स्थित शिविर कार्यालय में एक टोल-फ्री नम्बर, 1800-180-5607 स्थापित किया गया है।