लखनऊ की मेयर व योगी सरकार मस्त, सड़कों पर पड़े कूड़े व बजबजाती नालियों से लखनऊ की जनता त्रस्त | शहर के प्रमुख मार्गों पर खुले में पड़ी प्लास्टिक खा के मर रही गायें - गौरव माहेश्वरी
आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव गौरव माहेश्वरी ने कहा कि लखनऊ को साफ़ और स्वच्छ रखने, व्यापारियों को सुविधा देने व शहर के प्रमुख बाजारों को प्रकाश, शौचालय आदि की सुविधा देने के नाम पर नगर निगम लखनऊ व प्रदेश की सत्ता में आयी भाजपा से शहर की जनता को निराशा ही हाथ लगी है | केंद्र की मोदी सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन का न सिर्फ जमकर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, बल्कि उसके नाम पर टैक्स लगाकर एक भारी भरकम राशि इस मद में खर्च की जा रही है लेकिन ये पैसा वास्तव में इन कामों पे खर्च होता नहीं दिख रहा है |
गौरव माहेश्वरी ने व्यक्तिगत तौर पे लखनऊ में साफ़-सफाई के निरीक्षण के दौरान पाया कि सीतापुर रोड से सिटी स्टेशन होते हुए कैसरबाग व अमीनाबाद को जोड़ने वाले प्रमुख मार्ग पर जगह-जगह पर खुली सड़क पर कूड़ा पड़ा हुआ और उसमें पड़ी प्लास्टिक गायें खा रही हैं जो उनके लिए घातक सिद्ध हो रही है | ये हाल तब है जब गो संरक्षण के नाम पर करोड़ों रुपये योगी सरकार द्वारा खर्च किये जा रहे हैं |
उन्होंने कहा कि आंकड़ेबाजी में माहिर योगी सरकार ने लखनऊ को स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छी रैंक तो दिला दी, लेकिन वास्तव में शहर को साफ़ करने का विचार न तो लखनऊ की मेयर को आया और न ही योगी सरकार को | हर वर्ष नगर निगम लखनऊ के द्वारा डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन और उसके निस्तारण के लिए करोड़ों रुपये का भुगतान प्राइवेट कंपनियों को किया जाता है, लेकिन कमीशनबाजी और भ्रष्टाचार के चलते न तो इन कंपनियों की कोई जवाबदेही होती है और न ही ये ठीक ढंग से काम करती हैं | हाँ, इन कंपनियों के द्वारा नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं को नियमित भुगतान जरूर कर दिया जाता है जिसके चलते सही काम न करने के बावजूद ऐसी कंपनियों को फिर से टेंडर मिल जाता है | भ्रस्टाचार का ये खेल निरंतर चलता रहता है और शहरवासी मजबूर होते हैं खुले में कूड़ा डालने व सड़कों पे भरे हुए गंदे पानी से दो चार होने को |