हवा का रूख बदल देने वाला बजट -योगी आदित्य नाथ
सुरेंद्र अग्निहोत्री, लखनऊ । वित्तीय वर्ष 2019-2020 के बजट को विधानसभा में वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल के पेश करने के बाद मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ ने कहा कि प्रदेश के इतिहास का सबसे बडा बजट हर तबके का ख्याल रखने वाला बजट है।
बजट का आकार 04 लाख 79 हजार 701 करोड़ 10 लाख रुपये (4,79,701.10 करोड़ रुपये) है, जो वर्ष 2018-2019 के बजट के सापेक्ष 12 प्रतिशत अधिक है ।
बजट में 21 हजार 212 करोड़ 95 लाख रुपये (21,212.95 करोड़ रुपये) की नई योजनाएं सम्मिलित की गई हैं ।
कानून व्यवस्था -
प्रदेश के 36 नये थानों के निर्माण, पुलिसकर्मियों एवं पी.ए.सी. के प्रशिक्षण क्षमता में विस्तार तथा पुलिसकर्मियों के लिए बैरक निर्माण हेतु 700 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
पुलिस विभाग में टाइप-ए एवं टाइप-बी के आवासीय भवनों के निर्माण हेतु 700 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
प्रदेश में नवसृजित जनपदों में 07 पुलिस लाइनों के निर्माण हेतु 400 करोड़ रुपये का प्राविधान।
प्रदेश में 57 फायर स्टेशनों पर आवासीय तथा अनावासीय भवनों के निर्माण हेतु 200 करोड़ रुपये का प्राविधान।
पुलिस आधुनिकीकरण हेतु 204 करोड़़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास -
सरकारी क्षेत्र की बन्द पड़ी चीनी मिलों के पुनर्संचालन हेतु 50 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
सहकारी क्षेत्र की बंद चीनी मिलों को पी.पी.पी. पद्धति से पुनर्संचालित किये जाने हेतु 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
कृषि एवं सहकारिता -
ऽराष्ट्रीय कृषि विकास योजना हेतु 892 करोड़ रुपये का प्राविधान।
ऽनेशनल क्राॅप इन्श्योरेंस प्रोग्राम हेतु 450 करोड़ रुपये का प्राविधान।
ऽउर्वरकों के पूर्व भण्डारण योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2019-2020 के बजट में 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽविपणन वर्ष 2019-20 हेतु 1840 रुपये प्रति कुन्तल की दर से 6000 क्रय केन्द्रों के माध्यम से गेहूँ क्रय किया जाना प्रस्तावित।
ऽवर्ष 2019-20 में 60.51 लाख कुन्तल बीज वितरण का लक्ष्य।
ऽइसी तरह 77.26 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य।
कृषि विपणन -
ऽभण्डारण की व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिये 40 मण्डी स्थलों में प्रत्येक 5 हजार मीट्रिक टन के भण्डार गृह राज्य भण्डारण निगम की पार्टनरशिप में निर्मित कराने का कार्य आरम्भ।
ऽप्रदेश के ग्रामीण अंचलों में लग रहे 500 हाट-पैठ का विकास 150 करोड़ रुपये की लागत से मण्डी परिषद द्वारा कराए जाने का निर्णय।
पशुपालन एवं दुग्ध विकास -
ऽप्रदेश में गौ वंश संवर्द्धन हेेतु सरकार प्रतिबद्ध है। इस हेतु पशु पालन एवं दुग्ध विकास के अलावा अन्य विभागों का भी सहयोग लिया जा रहा है। प्रदेश में मदिरा की बिक्री पर विशेष फीस अधिरोपित की गई है जिससे प्राप्त होने वाले अनुमानित राजस्व 165 करोड़ रुपये का उपयोग प्रदेश के निराश्रित एवं बेसहारा गौ वंश के भरण-पोषण हेतु किया जायेगा।
ऽग्रामीण क्षेत्रों में गौ वंश के रख-रखाव एवं गौशाला निर्माण कार्य हेतु
247.60 करोड़ रुपये।
ऽशहरी क्षेत्रों में कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽपं. दीन दयाल उपाध्याय लघु डेयरी योजना के संचालन हेतु 64 करोड़ रुपये की व्यवस्था है, जिसके अन्तर्गत 10 हजार इकाइयों की स्थापना किया जाना प्रस्तावित।
ऽमथुरा में नई डेयरी की स्थापना हेतु 56 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽउत्तर प्रदेश दुग्ध नीति, 2018 के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों हेतु वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में 5 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽदुग्ध संघों तथा समितियों का सुदृढ़ीकरण, पुनर्गठन एवं विस्तारीकरण, कृषक प्रशिक्षण, तकनीकी निवेश, पशु प्रजनन तथा स्वास्थ्य कार्यक्रम योजनाओं हेतु 93 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
मत्स्य -
ऽमत्स्य पालक फण्ड हेतु 25 करोड़ रुपये।
ऽमत्स्य पालक विकास अभिकरण को वित्तीय सहायता हेतु लगभग 8 करोड़ 82 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ग्राम्य विकास -
ऽप्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण हेतु वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में 6,240 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽराष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के क्रियान्वयन हेतु 3,488 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽबुन्देलखण्ड, विन्ध्य क्षेत्र एवं गुणता प्रभावित ग्रामों में पाईप पेयजल योजना हेतु 3,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽराष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम हेतु 2,954 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽराष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन हेतु 1,393 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽमुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण हेतु वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में 429 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽश्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन हेतु 224 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽविधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1008 करोड़ रुपये की धनराशि की व्यवस्था विकास कार्यों हेतु एवं 201 करोड़ 60 लाख रुपये की व्यवस्था जी.एस.टी. के भुगतान हेतु प्रस्तावित।
पंचायतीराज -
ऽस्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण हेतु 6,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में अन्त्येष्टि स्थलों के विकास हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽप्रदेश की ग्राम पंचायतों में 750 पंचायत भवनों का निर्माण कराये जाने हेतु 14 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽकाँजी हाउस की स्थापना एवं पुनर्निर्माण कराये जाने हेतु 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को खेल और रचनात्मक कार्र्यों के प्रति प्रोेत्साहित करने हेतु युवक मंगल दल योजना के लिये 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
लघु सिंचाई -
ऽनिःशुल्क बोरिंग योजना हेतु 55 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽमध्यम गहरे नलकूप योजना के अंतर्गत 70 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽप्रदेश के पठारी क्षेत्रों में सिंचाई हेतु सामुदायिक ब्लास्ट कूपों के निर्माण तथा जीर्णोंद्धार हेतु 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था़ प्रस्तावित।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास -
ऽएक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए कुल 3194 करोड़ रूपये की व्यवस्था, जिसमें पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे हेतु 1194 करोड़ रूपये, बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस-वे हेतु 1,000 करोड़ रुपये तथा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे हेतु 1,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽबुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के साथ डिफेन्स काॅरिडोर विकसित किये जाने के लिए भूमि अधिग्रहण हेतु 500 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽआगरा-लखनऊ प्रवेश नियंत्रित 06 लेन एक्सप्रेस-वे (ग्रीन फील्ड) परियोजना के सुदृढ़ीकरण हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽअवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति, 2012 के क्रियान्वयन हेतु 600 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽनई औद्योगिक नीति ‘‘औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति, 2017’’ हेतु 482 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽऔद्योगिक निवेश प्रोत्साहन योजना, 2003 हेतु 120 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽऔद्योगिक निवेश प्रोत्साहन योजना, 2012 हेतु 180 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग -
ऽएक जनपद एक उत्पाद योजना हेतु 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽप्रदेश में युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने हेतु मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना हेतु 100 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽप्रदेश के परंपरागत कारीगरों यथा बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनकर, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, नाई, मोची, राजमिस्त्री के उत्थान के लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना प्रारम्भ की गई है जिसके लिये 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽसूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रोत्साहन नीति-2017 के क्रियान्वयन हेतु 10 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग -
ऽपाॅवरलूम बुनकरों को रियायती दर पर बिजली उपलब्ध कराये जाने हेतु 150 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽउत्तर प्रदेश हैण्डलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल्स एण्ड गारमेन्टिंग पाॅलिसी, 2017 हेतु 50 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
खादी एवं ग्रामोद्योग -
ऽमुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना हेतु 5 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽप्रदेश में मिट्टी के कार्य करने वाले शिल्पियों के परम्परागत व्यवसाय को नवाचार के माध्यम से संरक्षित एवं सवंर्द्धित करने हेतु उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड का गठन किया गया है। माटी कला समन्वित विकास कार्यक्रम के संचालन हेतु 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य -
ऽ”आयुष्मान भारत-नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन” योजना हेतु 1,298 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽप्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना हेतु 291 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽआयुष्मान भारत-नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन योजना की सुविधा से वंचित पात्र लाभार्थियों के लिये राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान से आच्छादित करने हेतु 111 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽप्रदेश़ के जनपदों में 100 शैय्यायुक्त चिकित्सालयों की स्थापना हेतु 47 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था।
चिकित्सा शिक्षा -
ऽप्रदेश के चिन्हित जिला चिकित्सालयों को मेडिकल काॅलेजों में उच्चीकृत किये जाने की योजना के अंतर्गत 908 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽकिंग जाॅर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के विभिन्न कार्यों हेतु 907 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽजनपद बलरामपुर में किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के सेटेलाइट सेण्टर की स्थापना हेतु 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽएस.जी.पी.जी.आई., लखनऊ के विभिन्न कार्यों हेतु 854 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽडाॅ. राम मनोहर लोहिया संस्थान के विभिन्न कार्यों हेतु 396 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽग्रामीण आयुर्विज्ञान संस्थान, सैफई हेतु 357 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽकैंसर संस्थान, लखनऊ के विस्तार एवं विकास हेतु 248 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽमाननीय अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ की स्थापना हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽप्रदेश में एक आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
नागरिक उड्डयन -
ऽप्रदेश में हवाई पट्टियों के निर्माण, विस्तार तथा सुदृढ़ीकरण हेतु 1000 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽजेवर एयरपोर्ट हेतु भूमि अधिग्रहण के लिए 800 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽअयोध्या में एयरपोर्ट हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽउत्तर प्रदेश नागर विमानन प्रोत्साहन नीति, 2017 तथा रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के अन्तर्गत वायुसेवा उपलब्ध कराये जाने हेतु 150 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
वन एवं पर्यावरण-
ऽइस वर्ष मनरेगा वित्त पोषित वृक्षारोपण की 3 नई योजनाएं “मुख्यमंत्री सामुदायिक वानिकी योजना,“ ”मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना“ एवं ”मुख्यमंत्री कृषक वृक्ष धन योजना“ प्रारम्भ की गई है ।
ऽउत्तर प्रदेश प्रतिकारात्मक वनरोपण निधि प्रबन्ध योजना के क्रियान्वयन हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ22 करोड़ पौध रोपण का लक्ष्य।
राजस्व -
ऽवित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रदेश के विभिन्न मण्डलों, जनपदों तथा तहसीलों के अनावासीय तथा आवासीय भवनों के चालू निर्माण कार्य, नवनिर्माण एवं पुनर्निर्माण तथा भूमि क्रय एवं भवनों के रख-रखाव हेतु 237.95 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽआपदा मोचन निधि में 1820 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽमुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना हेतु 845 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
लोक निर्माण-
ऽवित्तीय वर्ष 2019-20 में लोक निर्माण विभाग के अधीन सड़कों के निर्माण हेतु 13,135 करोड़ रुपये की व्यवस्था तथा सड़कों के अनुरक्षण हेतु 3,522 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ़पुलों के निर्माण एवं रख-रखाव हेतु 2,100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽग्रामों तथा बसावटों को पक्के सम्पर्क मार्गों से जोड़ने हेतु विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत वर्ष 2019-20 में कुल 850 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽअन्तर्राज्यीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित मार्गों एवं अन्य महत्वपूर्ण मार्गों का चैड़ीकरण तथा सुदृढ़ीकरण किया जाना है। इसके लिए वर्ष 2019-20 में 1,174 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽवित्तीय वर्ष 2019-20 में केन्द्रीय मार्ग निधि योजना हेतु 2,010 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽविश्व बैंक की सहायता से प्रस्तावित उत्तर प्रदेश कोर रोड नेटवर्क परियोजना के अन्तर्गत मार्ग निर्माण कार्यों हेतु 350 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽएशियन डेवलपमेंट बैंक की सहायता से प्रस्तावित उत्तर प्रदेश मुख्य जिला विकास परियोजना के अन्तर्गत मार्ग निर्माण हेतु 614 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽनाबार्ड वित्त पोषित आर.आई.डी.एफ. योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में मार्गों के नवनिर्माण, चैड़ीकरण तथा सुदृढ़ीकरण एवं सेतुओं के निर्माण हेतु 702 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽविशेष क्षेत्र कार्यक्रम के अन्तर्गत पूर्वांचल की विशेष योजनाओं हेतु 300 करोड़ रुपये तथा बुंदेलखण्ड की विशेष योजनाओं के लिये 200 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
सिंचाई -
ऽमध्य गंगा नहर योजना-द्वितीय चरण हेतु 1,727 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽसरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के कार्यों हेतु 1812.56 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽअर्जुन सहायक परियोजना हेतु 953 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽसरयू नहर परियोजना फेज-3 समादेश क्षेत्र विकास एवं जल प्रबन्ध कार्यक्रम हेतु 500 करोड़ रुपये तथा अर्जुन नहर परियोजना समादेश क्षेत्र विकास एवं जल प्रबन्ध कार्यक्रम हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽबाढ़ नियंत्रण एवं जल निकासी परियोजनाओं हेतु 1100.61 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
ऽकनहर सिंचाई परियोजना हेतु 500 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽबाणसागर परियोजना हेतु 122 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
आवास एवं शहरी नियोजन -
ऽअवस्थापना सुविधाओं के विकास संबंधी कार्यों हेतु 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽकानपुर मेट्रो रेल परियोजना तथा आगरा मेट्रो रेल परियोजना हेतु 175-175 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽवाराणसी, मेरठ, गोरखपुर, प्रयागराज एवं झाँसी में मेट्रो रेल परियोजनाओं के प्रारम्भिक कार्यों हेतु 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽदिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ काॅरीडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना हेतु 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
नगर विकास -
ऽप्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी हेतु 5,156 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽअमृत योजना हेतु 2,200 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽस्मार्ट सिटी मिशन योजना हेतु 2,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽस्वच्छ भारत मिशन-शहरी योजना हेतु 1,500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽमुख्यमंत्री नगरीय अल्पविकसित व मलिन बस्ती विकास योजना हेतु 426 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽपंडित दीनदयाल उपाध्याय आदर्श नगर पंचायत योजना हेतु 200 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
नियोजन-
ऽबुंदेलखण्ड की विशेष योजनाओं के लिये वर्ष 2019-2020 में रुपये 810 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽत्वरित आर्थिक विकास योजना के लिए 1,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित ।
बेसिक शिक्षा -
ऽसमग्र शिक्षा अभियान हेतु 18,485 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽमध्याह्न भोजन कार्यक्रम हेतु 2,275 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था।
ऽप्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽउत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क 01 जोड़ी जूता, 02 जोड़ी मोजा तथा 01 स्वेटर उपलब्ध कराये जाने हेतु 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽप्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क यूनीफाॅर्म वितरण हेतु 40 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽवनटांगिया ग्रामों में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना हेतु 5 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽवित्तीय वर्ष 2019-20 में स्कूल बैग वितरण हेतु 110 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
माध्यमिक शिक्षा -
ऽसैनिक स्कूलों की स्थापना हेतु 26 करोड़ 57 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽराजकीय इण्टर काॅलेजों (बालक तथा बालिका) की स्थापना हेतु 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽसंस्कृत की शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संस्कृत पाठशालाओं को सहायक अनुदान उपलब्ध कराये जाने के लिये 242 करोड़ रुपये की व्यवस्था तथा सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों एवं महाविद्यालयों को अनुदान हेतु 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
उच्च शिक्षा -
ऽसमस्त काॅलेजों एवं विश्वविद्यालयों मंें वाई-फाई की सुविधा योजना हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽराष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के अन्तर्गत विभिन्न कार्यों हेतु 160 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽदीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में ”गुरूश्री गोरक्षनाथ शोधपीठ“ की अवस्थापना मदों के लिये 63 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽलखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ में अटल सुशासन पीठ की स्थापना हेतु 2 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽमाननीय अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में डी.ए.वी. काॅलेज, कानपुर में सेन्टर आॅफ एक्सीलेन्स की स्थापना हेतु 5 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽसहारनपुर में विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽसंस्कृत की उच्च शिक्षा हेतु काशी विद्यापीठ को अनुदान दिये जाने के लिये 21 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽसम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय हेतु 21 करोड़ 51 लाख रुपये की व्यवस्था।
प्राविधिक शिक्षा -
ऽभारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, लखनऊ की स्थापना पी.पी.पी. मोड के अन्तर्गत की जा रही है। इसके लिए वर्ष 2019-20 के बजट में 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽजनपद मिर्जापुर एवं प्रतापगढ़ में इंजीनियरिंग काॅलेजों की स्थापना हेतु क्रमशः 8 करोड़ रुपये एवं 4 करोड़ रुपये की धनराशि की व्यवस्था।
ऽहरकोर्ट बटलर प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर के सुदृढ़ीकरण एवं विकास हेतु 11 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
महिला एवं बाल कल्याण -
ऽबालिकाओं के स्वास्थ्य एवं शिक्षा के स्तर में वृद्धि करने तथा उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने तथा महिलाओं के प्रति सोच में सकारात्मक परिवर्तन लाने एवं उनके प्रति सम्मान भाव जागृत करने के उद्देश्य से आगामी वित्तीय वर्ष से कन्या सुमंगला योजना लाई जा रही है। इसके लिए 1200 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽपुष्टाहार कार्यक्रम हेतु 4,004 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽनिराश्रित विधवाओं के भरण-पोषण तथा उनके बच्चों की शिक्षा हेतु अनुदान की मद में 1,410 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽआँगनवाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं को मानदेय के भुगतान हेतु 1,988 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽनेशनल न्यूट्रिशन मिशन हेतु 335 करोड़ रुपये तथा शबरी संकल्प अभियान हेतु 200 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽकिशोरी बालिका योजना हेतु 156 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽमहिला सम्मान कोष हेतु 103 करोड़ 70 लाख रुपये की व्यवस्था।
समाज कल्याण -
ऽविभिन्न वर्गों के निर्धन छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति योजना हेतु कुल 4,433 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। इसमें अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं हेतु 2037 करोड़ रुपये, पिछड़ा वर्ग हेतु 1516 करोड़ रुपये, सामान्य वर्ग हेतु 850 करोड़ रुपये तथा अनुसूचित जनजाति हेतु 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था सम्मिलित।
ऽवृद्धावस्था तथा किसान पेंशन योजना के अंतर्गत 2,579 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽउत्तर प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवारों के पुत्रियों की शादी हेतु सभी वर्गों के लिये मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना हेतु 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽराष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के अंतर्गत 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
पिछड़ा वर्ग कल्याण -
ऽशुल्क प्रतिपूर्ति योजना के अंतर्गत बजट में 600 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
अल्पसंख्यक कल्याण -
ऽअल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति योजना हेतु 942 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽअरबी-फारसी मदरसों के आधुनिकीकरण हेतु 459 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
दिव्यांगजन कल्याण -
ऽदिव्यांगों को भरण-पोषण अनुदान हेतु 621 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽकुष्ठावस्था विकलांग भरण-पोषण अनुदान हेतु 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽमानसिक, मंदित आश्रय गृह स्थापित कराये जाने की योजना है। तीन केन्द्र स्थापित हैं तथा 07 केन्द्रों की स्थापना हेतु 18 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
धर्मार्थ कार्य -
ऽजनपद वाराणसी स्थित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण योजना के क्रियान्वयन हेतु श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद का गठन किया गया है। गंगा तट से विश्वनाथ मंदिर तक मार्ग के विस्तारीकरण एवं सौन्दर्यीकरण हेतु 207 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽकाशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी में ”वैदिक विज्ञान केन्द्र“ की स्थापना हेतु 16 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
संस्कृति -
ऽमथुरा-वृन्दावन के मध्य आॅडिटोरियम के निर्माण हेतु 8 करोड़ 38 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽसार्वजनिक रामलीला स्थलों में चहारदीवारी निर्माण हेतु 5 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽवृंदावन शोध संस्थान के सुदृढ़ीकरण हेतु 1 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
पर्यटन -
ऽउत्तर प्रदेश बृज तीर्थ में अवस्थापना सुविधाओं हेतु 125 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽअयोध्या के प्रमुख पर्यटन स्थलों के समेकित विकास हेतु 101 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽगढ़ मुक्तेश्वर के पर्यटन स्थलों के समेकित विकास हेतु 27 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽपर्यटन नीति 2018 के क्रियान्वयन हेतु 70 करोड़ रुपये तथा प्रो-पुअर टूरिज्म के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽइसके अलावा प्रयागराज में ऋषि भारद्वाज आश्रम एवं श्रृंगवेरपुर धाम, विन्ध्याचल एवं नैमिषारण्य का विकास, बौद्ध परिपथ में सारनाथ, श्रावस्ती, कुशीनगर, कपिलवस्तु, कौशाम्बी एवं संकिसा का विकास, शाकुम्भरी देवी एवं शुक्रताल का विकास, राजापुर चित्रकूट में तुलसी पीठ का विकास, बहराइच में महाराजा सुहेलदेव स्थल एवं चित्तौरा झील का विकास तथा लखनऊ में बिजली पासी किले का विकास किया जाना प्रस्तावित है।
न्याय -
ऽप्रदेश के नवसृजित जनपदों एवं नवसृजित न्यायालयों में आवासीय एवं अनावासीय भवनों के निर्माण के लिये भूमि अधिग्रहण हेतु 1,075 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽमाननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में मल्टीलेवेल पार्किंग एवं एडवोकेट चैम्बर के निर्माण हेतु वित्तीय वर्ष 2019-2020 के बजट में 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽवाणिज्यिक विवादों के शीघ्र निस्तारण हेतु काॅमर्शियल कोर्ट्स के संचालन के लिये 10 करोड़ 86 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
राजकोषीय सेवायें -
राज्य वस्तु एवं सेवा कर तथा मूल्य संवर्द्धित कर
ऽराज्य वस्तु एवं सेवा कर तथा मूल्य संवर्द्धित कर से राजस्व प्राप्ति का अनुमान 77 हजार 640 करोड़ रुपये निर्धारित।
आबकारी शुल्क -
ऽआबकारी शुल्क से राजस्व प्राप्ति का अनुमान 31 हजार 517 करोड़ 41 लाख रुपये।
स्टाम्प एवं पंजीकरण -
ऽस्टाम्प एवं पंजीकरण से 19 हजार 179 करोड़ रुपये की प्राप्ति अनुमानित।
वाहन कर -
ऽवाहन कर से 7 हजार 863 करोड़ रुपये की प्राप्ति अनुमानित।
प्राप्तियाँ -
ऽवर्ष 2019-2020 में 04 लाख 70 हजार 684 करोड़ 48 लाख रुपये (4,70,684.48 करोड़ रुपये) की कुल प्राप्तियाँ अनुमानित।
ऽकुल प्राप्तियों में 03 लाख 91 हजार 734 करोड़ 40 लाख रुपये (3,91,734.40 करोड़ रुपये) की राजस्व प्राप्तियाँ तथा 78 हजार 950 करोड़ 08 लाख रुपये (78,950.08 करोड़ रुपये) की पँूजीगत प्राप्तियाँ सम्मिलित हैं।
ऽराजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व का अंश 02 लाख 93 हजार 39 करोड़ 17 लाख रुपये (2,93,039.17 करोड़ रुपये) है। इसमें स्वयं का कर राजस्व 01 लाख 40 हजार 176 करोड़ रुपये (1,40,176 करोड़ रुपये) तथा केन्द्रीय करों में राज्य का अंश 01 लाख 52 हजार 863 करोड़ 17 लाख रुपये (1,52,863.17 करोड़ रुपये) सम्मिलित है।
व्यय -
ऽकुल व्यय 04 लाख 79 हजार 701 करोड़ 10 लाख रुपये
(4,79,701.10 करोड़ रुपये) अनुमानित।
ऽकुल व्यय में 03 लाख 63 हजार 957 करोड़ 04 लाख रुपये
(3,63,957.04 करोड़ रुपये) राजस्व लेखे का व्यय है तथा 01 लाख 15 हजार 744 करोड़ 06 लाख रुपये (1,15,744.06 करोड़ रुपये) पँूजी लेखे का व्यय है।
राजस्व बचत -
ऽवर्ष 2019-2020 में 27 हजार 777 करोड़ 36 लाख रुपये
(27,777.36 करोड़ रुपये) की राजस्व बचत अनुमानित है।
राजकोषीय घाटा -
ऽवित्तीय वर्ष 2019-2020 में 46 हजार 910 करोड़ 62 लाख रुपये
(46,910.62 करोड़ रुपये का राजकोषीय घाटा अनुमानित है जो वर्ष 2019-2020 के लिये अनुमानित सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.97 प्रतिशत है ।
ऽराज्य की ऋणग्रस्तता सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 29.98 प्रतिशत अनुमानित ।
समेकित निधि -
ऽसमेकित निधि की प्राप्तियों से कुल व्यय घटाने के पश्चात् 09 हजार 16 करोड़ 62 लाख रुपये (9,016.62 करोड़ रुपये) का घाटा अनुमानित।
लोक लेखा -
ऽलोक लेखे से 09 हजार 500 करोड़ रुपये (9,500 करोड़ रुपये) की शुद्ध प्राप्तियाँ अनुमानित।
समस्त लेन-देन का शुद्ध परिणाम -
ऽवर्ष 2019-2020 में समस्त लेन-देन का शुद्ध परिणाम 483 करोड 38 लाख रुपये (483.38 करोड़ रुपये) अनुमानित।
अन्तिम शेष -
ऽवर्ष 2019-2020 में प्रारम्भिक शेष 08 हजार 225 करोड़ 47 लाख रुपये (8,225.47 करोड़ रुपये) को हिसाब में लेते हुये अन्तिम शेष 8 हजार 708 करोड़ 85 लाख रुपये (8,708.85 करोड़ रुपये) होना अनुमानित।