एस्मा लगाने का फैसला लिया निन्दनीय-ओंकारनाथ सिंह प्रवक्ता उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी
लखनऊ, 06 फरवरी।
उ0प्र0 राज्य कर्मचारियों की व्यापक हड़ताल से प्रदेश के प्रशासन की व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गयी। अधिकांश कार्यालयों में ताले पड़े हुए थे, जनता को अत्यन्त असुविधा का सामना करना पड़ा। ऐसा लगता है कि प्रदेश की शासन व्यवस्था तार-तार हो गयी है। उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता ओंकारनाथ सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार विधानसभा में बजट प्रस्तुत करने जा रही है, प्रयागराज में कुम्भ का इतना बड़ा उत्सव हो रहा है, हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट की परीक्षाएं समीप हैं- ऐसी परिस्थिति में सरकार ने कर्मचारियों से समझौतावार्ता करने के बजाय एस्मा लगाने का जो कड़ा फैसला लिया है- वह बहुत ही निन्दनीय है। सरकार इस समस्या को निपटाने में एकदम उदासीन रही है, जो कमेटी इन कर्मचारियों से बात करने के लिए बनाई गयी थी- उसके सभी सदस्य कभी भी एक साथ बैठक में उपस्थित नहीं हुए। सरकार की एल.आई यू. ने भी इनको यह इत्तला नहीं की कि कर्मचारी हड़ताल जाने वाले हैं, इन्होंने कर्मचारियों की हड़ताल को बड़े हल्के ढंग से लिया। प्रदेश सरकार के कर्मचारियों की पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग पूर्णतया जायज है, 60वर्ष तक एक व्यक्ति सरकार की सेवा करे और उसके बाद उसको यह कहकर छोड़ दिया जाय कि अब जाओ अपना जीवन यापन करो- यह कतई उचित नहीं है। जब कुछ कर्मचारियों को पेंशन दिया जा रहा हो तो अन्य लोगों की पेंशन को रोकने का कोई औचित्य नहीं बनता। यह भेद-भाव की नीति सरकार को बन्द करना चाहिए। सरकार का प्रत्येक कर्मचारी अपने कार्य को पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाता है, गलत कार्य करने पर उसे दण्ड देने का भी प्राविधान है। जब तक वह सरकारी सेवा में रहता है- उसे कोई अन्य कार्य करने की छूट नहीं होती, ऐसी परिस्थिति में वह 60वर्ष के बाद अपना जीवन यापन कैसे करेगा। प्रदेश सरकार को इस पर गम्भीरता पूर्वक विचार कर पुरानी पेंशन की बहाली पर फैसला तुरन्त लेना चाहिए और लोकतंत्र मंे प्रत्येक कर्मचारी को अपनी मांग मनवाने के लिए कुछ अधिकार मिले हुए हैं- इसलिए उनके आन्दोलन पर एस्मा की कार्यवाही तुरन्त वापस लें, अन्यथा स्थिति भयावह हो सकती है।