प्रयागराज-चित्रकूट मार्ग पर पहाड़ी नामक स्थान पर स्थित महर्षि वाल्मीकि के आश्रम के सौन्दर्यीकरण, रामायण पर शोध संस्थान एवं महर्षि वाल्मीकि की भव्य प्रतिमा की स्थापना का निर्णय
प्रयागराज: 29 जनवरी, 2019
उत्तर प्रदेष के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां कुम्भ मेला क्षेत्र में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए निर्णयों की मीडिया प्रतिनिधियों को राष्ट्रीय मीडिया सेण्टर में जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेष मंत्रिपरिषद की यह पहली बैठक है, जो राजधानी के बाहर आयोजित की गई। इस बैठक के लिए प्रयागराज को चयनित किया गया। यह बैठक कुम्भ के ऐतिहासिक अवसर पर सम्पन्न हुई है, इसके दृष्टिगत प्रयागराज इस बैठक का केन्द्र बिन्दु था।
मुख्यमंत्री जी ने मंत्रिपरिषद द्वारा लिए गए प्रमुख निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि मंत्रिपरिषद ने प्रदेष के पष्चिमी भाग (मेरठ) को पूर्वी भाग (प्रयागराज) से जोड़ने के लिए ‘गंगा एक्सप्रेस-वे’ के निर्माण हेतु सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की है। यह एक्सप्रेस-वे मेरठ, अमरोहा, बुलन्दषहर, बदायूं, षाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, कन्नौज, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज जनपदों से गुजरेगा।
यह एक्सेस कण्ट्रोल्ड ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे, 4-लेन, एक्सपेन्डेबल टू 6-लेन, का होगा। इसकी लम्बाई लगभग 600 कि0मी0 होगी। निर्माण के उपरान्त यह दुनिया का सबसे लम्बा एक्सप्रेस-वे होगा। इसके लिए 6556 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की आवष्यकता होगी। इस परियोजना के 08 आर0ओ0बी0 और 18 फ्लाईओवर्स बनाए जाने की आवष्यकता होगी। इसके निर्माण पर लगभग 36 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व में ही भारद्वाज पार्क का सौन्दर्यीकरण कराया है। साथ ही, पार्क में भारद्वाज ऋषि की एक विषाल प्रतिमा भी स्थापित की गई है। मंत्रिपरिषद द्वारा भारद्वाज ऋषि के आश्रम के सौन्दर्यीकरण का निर्णय भी लिया गया है। यह कार्य भारद्वाज पार्क के सौन्दर्यीकरण के तर्ज पर कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारद्वाज ऋषि त्रेता युग के महान ऋषि थे। उन्होंने उस समय विष्वविद्यालय की स्थापना कर पूरे देष के स्नातकों को षिक्षा-दीक्षा प्रदान की। वे विमानन शास्त्र के भी विषेषज्ञ थे। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने पुष्पक विमान का निर्माण किया था।
मुख्यमंत्री जी ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने प्रयागराज स्थित ऋषि श्रंृगी और माता शान्ता की तपोभूमि एवं निषादराज गुह्य के स्थान श्रंृग्वेरपुर धाम के विकास का निर्णय भी लिया है। इसके तहत श्रंृग्वेरपुर धाम के सौन्दर्यीकरण के साथ यहां पर निषादराज पार्क का निर्माण कराया जाएगा। पार्क में भगवान श्रीराम एवं निषादराज के मिलन को दर्षाने वाली विषाल मूर्ति की स्थापना भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने वैदिक संस्कृति को लौकिक संस्कृति के रूप में रामायण के माध्यम से विष्व के समक्ष प्रस्तुत किया। प्रयागराज-चित्रकूट मार्ग पर पहाड़ी नामक स्थान पर स्थित महर्षि वाल्मीकि के आश्रम के सौन्दर्यीकरण, रामायण पर शोध संस्थान एवं महर्षि वाल्मीकि की भव्य प्रतिमा की स्थापना का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, विन्ध्यालय के पर्यटन विकास के लिए विभिन्न कार्य कराए जाएंगे। विन्ध्यालय के समस्त घाटों का प्रकाषीकरण, वहां पर पेयजल व्यवस्था, घाटों पर चेंजिंग रूम, विन्ध्याचल मेला परिक्षेत्र में टूरिस्ट फैसिलिटेषन सेण्टर आदि का निर्माण कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने राष्ट्र प्रेम पर आधारित हिन्दी फीचर फिल्म ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ को एस0जी0एस0टी0 से मुक्त करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म राष्ट्रवाद की भावना के प्रसार में सहायक है। इस निर्णय से अधिक से अधिक युवा, सैनिक और पूर्व सैनिक यह फिल्म देख सकेंगे। उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने दिवंगत पूर्व केन्द्रीय रेल, रक्षा मंत्री श्री जाॅर्ज फर्नांडीस को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि देने सम्बन्धी प्रस्ताव भी पारित किया है। उन्होंने मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए अन्य निर्णयों की भी जानकारी दी।
प्रयागराज में आयोजित कुम्भ को सकारात्मक नजरिये से प्रस्तुत करने के लिए मीडिया का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अनेक कारणों से यह कुम्भ अद्भुत है। मीडिया द्वारा भी इसे अलौकिक और यूनीक इवेण्ट के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
गंगा पूजा के माध्यम से प्रयागराज कुम्भ-2019 का शुभारम्भ करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के प्रयास से यूनेस्को द्वारा कुम्भ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत घोषित किया गया। उन्होंने कुम्भ को वैष्विक मान्यता दिलायी। दुनिया के 70 से अधिक देषों के राजदूतों ने कुम्भ क्षेत्र में पधारकर अपना राष्ट्रध्वज फहराया। प्रधानमंत्री जी की पहल पर 450 वर्षों के कालखण्ड के बाद पहली बार कुम्भ में श्रद्धालुओं को अक्षयवट और सरस्वती कूप के दर्षन व पूजन का अवसर मिल रहा है। दर्षन की यह सुविधा भविष्य में भी श्रद्धालुओं को सुलभ रहे इस सम्बन्ध में मंत्रिपरिषद द्वारा प्रधानमंत्री जी से निवेदन किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज कुम्भ के आयोजन में प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्षन के लिए मंत्रिपरिषद ने उनके प्रति आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की गंगा जी के प्रति आस्था ‘नमामि गंगे’ परियोजना के माध्यम से गंगा जी की अविरलता व निर्मलता के रूप में दिखाई दे रही है। स्वच्छ भारत मिषन के अनुरूप इस बार स्वच्छ कुम्भ का सन्देष जन-जन तक पहुंच रहा है। 3000 से अधिक प्रवासी भारतीयों ने भी कुम्भ में पधारकर स्नान, दर्षन व पूजन किया।
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