गन्ना मूल्य का भुगतान पहली बार रिकॉर्ड समय में पेराई सत्र 2018-19 में गन्ने की पेराई 1,150 लाख टन तथा चीनी उत्पादन 124 लाख टन संभावित
लखनऊ: जनवरी, 2019
गन्ना मूल्य का सम्पूर्ण भुगतान सुनिश्चित करने, घटतौली पर पूर्ण रोक
लगाने और समस्त आपूर्ति योग्य गन्ने की समय से पेराई सुनिश्चित करने के
लिए प्रतिबद्ध है। चीनी उद्योग उत्तर प्रदेश का कृषि आधारित महत्वपूर्ण
उद्योग है तथा प्रदेश के 35 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों के परिवार की
आजीविका का मुख्य आधार है। गत पेराई सत्र 2017-18 में प्रदेश का गन्ना
क्षेत्रफल 23 लाख हेक्टेअर एवं कुल अनुमानित गन्ना उत्पादन 1,820 लाख टन
था जिसके सापेक्ष प्रदेश की चीनी मिलों द्वारा 1,112 लाख टन गन्ने की
पेराई करते हुए 121 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया जो प्रदेश की अब तक
की सर्वाधिक गन्ना पेराई एवं चीनी उत्पादन का रिकाॅर्ड है। वर्तमान में
राज्य सरकार की नीतियों के फलस्वरूप प्रदेश के गन्ना क्षेत्रफल में गत
वर्ष के सापेक्ष लगभग 22 प्रतिशत की वृद्धि होकर 28 लाख हेक्टेअर हो गया
है, जिससे 2,131 लाख टन गन्ना उत्पादन संभावित है जो गत वर्ष के सापेक्ष
17 प्रतिशत अधिक है। उक्त के फलस्वरूप पेराई सत्र 2018-19 में गन्ने की
पेराई 1,150 लाख टन तथा चीनी उत्पादन 124 लाख टन संभावित है।
यह जानकारी देते हुए गन्न मंत्री श्री सुरेश राणा ने बताया कि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, के निर्देश कि प्रदेश में किसानों के गन्ना
मूल्य भुगतान का ससमय शत-प्रतिशत भुगतान कराना है के क्रम में मंत्री,
चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, श्री सुरेश राणा तथा गन्ना एवं चीनी आयुक्त
श्री संजय भूसरेड्डी द्वारा स्थिति का लगातार अनुश्रवण किया जा रहा है।
कृषकों के हित में पेराई सत्र 2017-18 के देय गन्ना मूल्य का त्वरित
भुगतान सुनिश्चित कराये जाने के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा चीनी मिलों
को उनके बकाये गन्ना मूल्य का भुगतान कराये जाने अथक प्रयास किये गये,
जिसके फलस्वरूप प्रदेश में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में ऐतिहासिक गन्ना
मूल्य का भुगतान चीनी मिलों द्वारा किया गया है, जिसमे गत पेराई सत्र
2017-18 के देय गन्ना मूल्य रू.35,463 करोड़ के सापेक्ष रू.34,253 करोड़
भुगतान हो चुका है तथा रू.1,210 करोड़ अवशेष है।
श्री राणा ने बताया कि वर्तमान पेराई सत्र के देय गन्ना मूल्य
रू.10,900 करोड़ के सापेक्ष रू.5,500 करोड़ तथा इससे पूर्व के पेराई सत्रों
का भी रू.10,605 करोड़ का भुगतान कराया गया है। इस प्रकार कुल रू.50,358
करोड़ का रिकाॅर्ड गन्ना मूल्य भुगतान वर्तमान सरकार द्वारा सुनिश्चित
कराया जा चुका है, जो दो पूर्ववर्ती पेराई सत्रों 2015-16 एवं 2016-17 के
सम्मिलित रूप से देय कुल गन्ना मूल्य रू. 43,389 करोड़ से रू.6,969 करोड़
अधिक है। सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश की निजी, निगम और सहकारी
क्षेत्र की 92 चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2017-18 का शत-प्रतिशत गन्ना
मूल्य का भुगतान पहली बार रिकॉर्ड समय में किया जा चुका है।
गन्ना मंत्री ने बताया कि भुगतान में लापरवाही बरतने वाली चीनी मिलों
के विरूद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही करते हुये बड़े बकायेदार चीनी मिलों
क्रमशः मलकपुर, बाल्टरगंज, मोदीनगर, बिसौली, ब्रजनाथपुर, गागलहेड़ी,
बुलन्दशहर, चिल्वरिया, गोला, शामली एवं गडौरा के विरूद्ध वसूली
प्रमाण-पत्र जारी किये जा चुके है,जारी वसूली प्रमाण-पत्रों के क्रम में
चीनी मिलों के विरूद्ध जिला प्रशासन द्वारा चीनी एवं चीनी मिलों की ईमारत
,मशीनो इत्यादि की कुर्की से मिली धनराशि का प्रयोग गन्ना मूल्य भुगतान
के लिए किया जाएगा तथा अगवानपुर, शामली, गडौरा (एकल चीनी मिलें), बुढ़ाना
एवं वाल्टरगंज तथा बिलाई (बजाज ग्रूुप), सिम्भावली तथा बृजनाथपुर
(सिम्भावली ग्रुप), मलकपुर एवं मोदीनगर (मोदी ग्रुप), बुलन्दशहर, चांदपुर
एवं बिजनौर (वेव ग्रुप) चीनी मिलों के अध्यासियों के विरूद्ध आवश्यक
वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के अन्तर्गत प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
गन्ना आयुक्त श्री संजय भूसरेड्डी ने बताया कि घटतौली को प्रभावी ढंग
से रोकने हेतु पेराई सत्र 2018-19 में विभागीय अधिकारियों द्वारा कुल
8,791 गन्ना क्रय केन्द्रो के निरीक्षण किये गये है। निरीक्षण के दौरान
57 गम्भीर तथा 549 सामान्य कुल 606 अनियमिततायें पायी गयी है, जिसमें से
35 गम्भीर तथा 440 सामान्य मामलों में नोटिस जारी की जा चुकी है, तथा 64
मिल तौल लिपिकों के लाइसेंस निलम्बित तथा 01 लाइसेंस का निरस्तीकरण किया
जा चुका है, साथ ही सक्षम न्यायालय में 02 वाद भी दायर किया जा चुका है।
पेराई सत्र में पायी गयी अनियमितताओं में से 01 गम्भीरं तथा 58 सामान्य
मामलों को जिलाधिकारियों के द्वारा निस्तारित किया जा चुके है। क्रय
केन्द्रों पर घटतौली के प्रकरण पाये जाने पर 03, अवैध गन्ना खरीद पाये
जाने पर 10 कुल 13ं एफ.आई.आर दर्ज करायी गयी है। अवैध गन्ना खरीद फरोख्त
के विरूद्ध छापेमारी के दौरान 2,306 कुन्तल गन्ना मूल्य रूपये 7,18,935
का अवैध गन्ना पकड़ा गया है।लखनऊ: 27 जनवरी, 2019
गन्ना मूल्य का सम्पूर्ण भुगतान सुनिश्चित करने, घटतौली पर पूर्ण रोक
लगाने और समस्त आपूर्ति योग्य गन्ने की समय से पेराई सुनिश्चित करने के
लिए प्रतिबद्ध है। चीनी उद्योग उत्तर प्रदेश का कृषि आधारित महत्वपूर्ण
उद्योग है तथा प्रदेश के 35 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों के परिवार की
आजीविका का मुख्य आधार है। गत पेराई सत्र 2017-18 में प्रदेश का गन्ना
क्षेत्रफल 23 लाख हेक्टेअर एवं कुल अनुमानित गन्ना उत्पादन 1,820 लाख टन
था जिसके सापेक्ष प्रदेश की चीनी मिलों द्वारा 1,112 लाख टन गन्ने की
पेराई करते हुए 121 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया जो प्रदेश की अब तक
की सर्वाधिक गन्ना पेराई एवं चीनी उत्पादन का रिकाॅर्ड है। वर्तमान में
राज्य सरकार की नीतियों के फलस्वरूप प्रदेश के गन्ना क्षेत्रफल में गत
वर्ष के सापेक्ष लगभग 22 प्रतिशत की वृद्धि होकर 28 लाख हेक्टेअर हो गया
है, जिससे 2,131 लाख टन गन्ना उत्पादन संभावित है जो गत वर्ष के सापेक्ष
17 प्रतिशत अधिक है। उक्त के फलस्वरूप पेराई सत्र 2018-19 में गन्ने की
पेराई 1,150 लाख टन तथा चीनी उत्पादन 124 लाख टन संभावित है।