“दीन-जन प्यारे” नौटंकी में दिखी पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जीवन गाथा
लखनऊ 30 जनवरी। भाऊराव देवरस सेवा न्यास की ओर से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में सत्य समर्पण संस्था की ओर से पंडित दीन दयाल उपाध्याय के जीवन वृत पर आधारित नौटंकी दीन जन प्यारे का प्रदर्शन बुधवार को अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के ऑडिटोरियम में अमित दीक्षित की परिकल्पना, लेखन, संगीत और निर्देशन में किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रमुख सचिव खादी ग्रामोद्योग नवनीत सहगल थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतेन्दु नाट्य अकादमी के अध्यक्ष रवि शंकर खरे ने की।
इस अवसर पर भाऊराव देवरस सेवा न्यास के ब्रह्मदेव शर्मा, कोषाध्यक्ष राम निवास जैन, कार्यक्रम समन्वयक डॉ.विजय कर्ण, कार्यक्रम संयोजक रमाशंकर श्रीवास्तव, कार्यक्रम सहसंयोजक सतीश भारतीयम, भूमि ग्रुप के चेयरमैन बी.एम.सिंह ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय को श्रद्धा सुमन अर्पित किये। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से मंचित इस नौटंकी में दर्शाया गया कि दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितम्बर 1916 को मथुरा जिले के नगला चन्द्रभान ग्राम में हुआ था। तीन साल की छोटी उम्र में ही दीनदयाल के पिताजी और सात साल की उम्र में उनकी माताजी का स्वर्गवास हो गया था। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने पिलानी, आगरा और प्रयाग में शिक्षा प्राप्त की। उनके जीवन पर रामलीला के कारण राम चरित का खासा प्रभाव पड़ा था। उनके समर्पण को देखते हुए 1953 में उन्हें अखिल भारतीय जनसंघ के महामंत्री निर्वाचित किया गया। दिसम्बर 1967 में वह जनसंघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए।11 फरवरी 1968 की रात में रेलयात्रा के दौरान मुगलसराय के पास उनकी हत्या कर दी गयी।
नौटंकी शैली के कारण यह प्रस्तुति खासी प्रभावी रही। इसके माध्यम से कहा गया कि ऐसी कथा है व्यथा ही व्यथा है, दुख से भरे क्षण, सुख न मिला है। कोई क्या जाने, कैसे जिया है, एक महात्मा दुख से भरा है। सुख न जाना, दुख ही पहचाना। इस नौटंकी ने लोगों को संदेश दिया कि युवा पश्चिमी संस्कृति का अंधा अनुसरण न करे। संस्कारवान बने। इसके साथ ही कलाकारों ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के माध्यम से सत्य मेव जयते का संदेश दर्शकों तक पहुंचाया। नौटंकी के अनुसार कोई भी देश पूंजीवाद पर नहीं बलवान हो सकता है। इसके लिए समाज के अंतिम व्यक्ति तक सुविधाओं को पहुंचाना होगा। मंच पर अर्चना कुशवाहा, विकास गिरि, दीपक गुर्दासानी, आदित्य अस्थाना, रविन्द्र यादव, शिवम सिंह, विराज मौर्य, रूबल, बिंदुशा तिवारी, सृष्टि जायसवाल, अर्चना जैन, सुमित सिंह, सौरभ शुक्ला, अतिफ अहमद, किशन मिश्रा, दीना शिवम सिंह, कृतिका श्रीवास्तव, पंकज सत्यार्थी, अभिषेक यादव, दुर्गेश सिंह, उज्जवल, अर्चना जैन, बंटी मिश्रा, दिव्या, सृष्टि, वैष्णवी, प्रियांशी, कशिश, नेहा, आकांक्षा ने अभिनय किया। ढोलक पर इमरान, नक्कारे पर मोहम्मद सिद्धिकी, सारंगी पर जीशान, तबले पर इलियास, गायन में अर्चना कुशवाहा ने साथ दिया। प्रकाश परिकल्पना मनीष सैनी की प्रस्तुति के अनुरूप रही।